पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को अपनी मंत्रिपरिषद के पक्ष में विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करेंगे। इस पर तीन घंटे बहस चलेगी। हालांकि बीते कुछ समय से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की खामोशी के अलग-अलग निहितार्थ निकाले जाते रहे हैं, बावजूद इसके माना जा रहा है कि राजद प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करेगा। कांग्रेस और सीपीआई का समर्थन नीतीश सरकार को हासिल है। जदयू, राजद, कांग्रेस और सीपीआई के कुल सदस्यों की संख्या 130 है। दो निर्दलीय भी जदयू के साथ हैं। बहुतम के लिए 117 सदस्यों की जरूरत है। वैसे जदयू के करीब दस विधायक जीतनराम मांझी के साथ बताए जाते हैं। जदयू ने मांझी गुट के विधायकों को भी व्हिप जारी किया है। विधानमंडल का बजट सत्र बुधवार से शुरू होगा। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होगी। आधा घंटा बाद 11:30 बजे राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। इसके बाद विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया जाएगा। भाजपा ने विश्वास मत प्रस्ताव पर मंगलवार की शाम तक अपने स्टैंड का खुलासा नहीं किया है। भाजपा के एक नेता का कहना है कि विश्वासमत प्रस्ताव का विरोध कर वे नीतीश कुमार को हीरो बनने का मौका नहीं देंगे। वैसे सुशील कुमार मोदी और नंदकिशोर यादव के पूर्व के बयानों के भी संकेत यही रहे हैं कि विश्वासमत प्रस्ताव को लेकर भाजपा बहुत गंभीर नहीं हैं। लेकिन प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान वह क्या करेगी, यह साफ नहीं है। जानकारों का मानना है कि भाजपा चाहेगी कि मतदान न हो। लेकिन जदयू की कोशिश होगी कि अगर भाजपा बायकॉट करती है तो भी मतदान हो। बहरहाल, कठिन तो नहीं फिर भी नीतीश कुमार के बहुमत की परीक्षा तो होनी ही है।