पटना/भागलपुर : बिहार के बहुचर्चित ‘सृजन’ घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी. इस आशय की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को एक समीक्षा बैठक के बाद दिए. बता दें कि वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुई इस उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह तथ्य सामने आया कि इस पूरे मामले में राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ-साथ सरकारी पदाधिकारियों और कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है.उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में दर्ज अन्य मामलों सहित पूरे प्रकरण की जांच के लिए इसे सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है. स्मरण रहे कि मुख्यमंत्री ने पृथ्वी दिवस पर आयोजित समारोह में इस गड़बड़ी का खुलासा किया था. उनके निर्देश पर SIT का गठन किया गया था. 1000 करोड़ के इस घोटाले में अब तक 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले को लेकर कोर्ट में भी केस दायर किया है.
आपको बता दें कि ‘सृजन’ घोटाले में आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की टीम ने अब तक मिले साक्ष्य से जुड़े दस्तावेज खंगाल रही है. अब इस मामले की जाँच में भी तेजी आ गई है. बैंकों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में जाँच की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग में 40.75 लाख रुपये का सृजन के माध्यम से घोटाला हुआ है. बुधवार को जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर उन्हें जेल भेज दिया है. वहीं, जेल भेजे जा चुके कल्याण विभाग के नाजिर महेश मंडल को निलंबित कर है. सृजन को चलाने के लिए दी गई ज़मीन की लीज रद्द करने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है.