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नीतीश के मंत्री ने सार्वजनिक मंच पर मुस्लिम टोपी पहनने से किया मना, विपक्ष ने साधा निशाना, चढ़ा सियासी पारा।
पटना। बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव द्वारा अल्पसंख्यकों के एक कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से मुस्लिम टोपी पहनने से इनकार किए जाने के बाद राज्य में सियासी पारा चढ़ गया है। राजधानी पटना से करीब 300 किलोमीटर दूर कटिहार में मुस्लिम समुदाय की एक कॉन्फ्रेंस के दौरान यह घटना सामने आई। राज्य में सत्ताधारी जेडीयू की ओर से तय कार्यक्रम के मुताबिक कटिहार में तालीमी बेदारी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। नीतीश कैबिनेट में डेप्युटी सीएम सुशील मोदी के बाद तीसरे सबसे वरिष्ठ मंत्री माने जाने वाले ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। जब आयोजकों में से एक ने यादव को टोपी पहनने के लिए दी, तो इसे सिर पर रखने के बजाए उन्होंने अपने पीछे बैठे हुए एक सहायक को इसे सौंप दिया।
मुस्लिम समुदाय ने जताया विरोध
बिजेंद्र यादव के रवैए से बैठक में मौजूद मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज हो गए। स्थानीय मीडिया के सामने कुछ लोगों ने टोपी पहनने से इनकार करने पर यादव के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। मंत्री के इस कदम ने जल्द ही सियासी रूप ले लिया, क्योंकि सितंबर 2013 में नीतीश कुमार ने गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी पर टोपी के बहाने निशाना साधा था। दरअसल 2011 में मोदी ने सद्भावना उपवास के दौरान एक मौलवी द्वारा पेश की गई टोपी पहनने से इनकार कर दिया था।
विपक्ष का नीतीश पर निशाना
यादव के टोपी पहनने से इनकार करने पर प्रतिक्रिया देते हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, ‘जेडीयू अब पूरी तरह से आरएसएस की विचारधारा के शिकंजे में जकड़ चुकी है। जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार कहते हैं कि टोपी भी पहननी होगी और टीका भी लगाना होगा। अब नीतीश को अपने मंत्री से पूछना चाहिए कि उन्होंने टोपी पहनने से क्यों इनकार किया।’
‘अधिक गर्मी की वजह से नहीं पहनी टोपी’
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव के साथ मंच शेयर करने वाले जेडीयू एमएलसी तनवीर अख्तर ने उनका बचाव करते हुए कहा कि मंत्री ने टोपी स्वीकार की लेकिन आयोजन स्थल पर ज्यादा गर्मी की वजह से उन्होंने इसे नहीं पहना। अख्तर का कहना है कि दोपहर में करीब 12.30 बजे मंच पर मौजूद लोग गर्मी से परेशान हो गए। अख्तर ने बताया कि यादव ने आयोजकों की तरफ से भेंट किया गया गमछा पहले ही अपने कंधे पर डाल रखा था।
जेडीयू का विपक्ष पर पलटवार
जेडीयू एमएलसी के मुताबिक हाल के दिनों में पार्टी द्वारा आयोजित की गई यह चौथी तालीमी बेदारी कॉन्फ्रेंस थी। पिछली तीन कॉन्फ्रेंस सुपौल (यादव का गृहजिला), मधुबनी और अररिया में आयोजित हुई थी। उनका कहना है, ‘तालीमी बेदारी कॉन्फ्रेंस में बड़ी तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंच रहे हैं, जिससे हमारे राजनीतिक विरोधी विचलित हैं।’ अख्तर ने यह भी कहा कि ऊर्जा मंत्री के मुस्लिम समुदाय से प्रेम और समर्थन पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, क्योंकि भागलपुर दंगों में पीड़ितों के अधिकारों के लिए उन्होंने संघर्ष किया था। साथ ही उन्होंने लंबित मामलों को फिर से खुलवाने में काफी मदद की थी।