पटना/ लखनऊ. ताजा चुनावी सर्वेक्षणों की मानें तो काँग्रेस इस बार के लोकसभा चुनावों में इतिहास में सबसे बुरा प्रदर्शन करते हुए दो अंकों पर सिमट रही है. इन्हीं सर्वेक्षणों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी केन्द्र में सरकार बनाने जा रही है. इसके बावजूद समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव यादव और बिहार के मुख्यमंत्री तथा जेडीयू नेता नीतीश कुमार को लग रहा है कि वे इस तसवीर को पलट सकते हैं. इसी भावना को स्वर देते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि इस बार तीसरा मोर्चा कामयाब होगा. उधर, नीतीश कुमार ने कहा है कि 5 फरवरी को कई पार्टियां मिलकर तीसरे मोर्चे पर बातचीत करेंगी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव से पहले समान विचारों वाले दलों का गठबंधन बनाने का संकेत दिया लेकिन इसे तीसरा या चौथा मोर्चा कहने से इनकार किया. बिहार नवोन्मेष मंच के समारोह से इतर नीतीश ने कहा, संसद में भविष्य में समान विचारों की कई पार्टियों का ब्लॉक बनने की संभावना है. उन्होंने कहा, वाममोर्चा के नेताओं ने यह पहल की है और जदयू इनका समर्थन कर रही है. नीतीश ने आज पटना में कहा, हम बातचीत कर रहे हैं. लेफ्ट ने इसकी पहल की और हम उनका समर्थन कर रहे हैं. कांग्रेस और भाजपा दोनों हमारे राजनीतिक दुश्मन हैं. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में देश भर के करीब 14 दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. नीतीश ने कहा कि इनके एक दूसरे के साथ संघ बनाने की संभावना है लेकिन स्पष्ट किया कि विलय के बारे में बात नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर में दिल्ली में सांप्रदायिकता विरोधी ताकतों के सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि इन्हें एकजुट करने के प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, सपा सुप्रीमो मुलायम ने लखनऊ में सपा राज्य मुख्यालय से साइकिल यात्रा की शुरुआत करते हुए कि पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भी पार्टी कार्यकर्ता साइकिल यात्रा पर निकले थे और प्रदेश में सपा की सरकार बन गई. इस बार की यात्रा केंद्र पर कब्जे के लिए निकाली जा रही है और उम्मीद है कि इसका मकसद पूरा होगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी भी संभावित तीसरे मोर्चे में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं. उन्होंने पिछले दिनों केंद्र में गैर-कांग्रेस, गैर-भाजपा सरकार बनाए जाने का आह्वान किया था. हालांकि नीतीश ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन खबरों में यह बात कही जा रही है कि समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल, जदयू, जद एस और वामदल इस पहल में शामिल हैं. बिहार के राजनीतिक गलियारे में ऐसी चर्चा है कि जदयू, भाकपा और माकपा से गठजोड़ कर सकती है. भाकपा और माकपा के प्रति जदयू के झुकाव के कारण भाकपा माले कर वाममोर्चा को एकजुट करने का प्रयास सफल नहीं हो पाया. माकपा और भाकपा बिहार में राजद, कांग्रेस और लोजपा के संभावित धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा नहीं है. नीतीश कुमार पूर्व में फेडरल फ्रंट की वकालत करते रहे हैं.