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नीतीश राज में देसी शराब बंद, अब अंग्रेजी पर ही होगा ‘गुजारा’

liqur-ban_landscape_1459499599एजेन्सी/बिहार में शुक्रवार से शराबबंदी का पहला चरण शुरू हो रहा है। बुधवार को बिहार विधानमंडल ने बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक, 2016 सर्वसम्मति से पारित कर दिया था। सरकार ने शराबबंदी पर अमल के लिए क़ानून में बदलाव किए हैं और इन्हें लागू करने की तैयारी भी की है।

1. नए कानून के तहत गांवों में पूर्ण शराबबंदी होगी यानी देशी और विदेशी दोनों तरह की शराब की बिक्री पर रोक रहेगी।शहरी क्षेत्रों के चुनिंदा इलाकों की करीब 650 सरकारी दुकानों में सिर्फ़ विदेशी शराब बेची जाएगी, पटना नगर-निगम क्षेत्र में शराब बेचने की 90 सरकारी दुकानें खोली जाएंगी।

2. बिहार सरकार को इस फ़ैसले के कारण साल में दो हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के उत्पाद शुल्क का नुक़सान होगा। बिहार सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक सरकार को देशी शराब की बिक्री से 2015-16 के वित्तीय वर्ष में 2,159 करोड़ रुपए उत्पाद शुल्क के रूप में मिले थे।

3. नए क़ानून में अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए कई कड़े प्रावधान किए गए हैं, ज़हरीली शराब पीने से मौत होने पर तो शराब बनाने और बेचने वालों को मौत की सजा तक हो सकती है।

4. 31 मार्च को रात दस बजे राज्य में देशी-विदेशी शराब की सभी लाइसेंसी दुकानों को जिला प्रशासन ने सील करने का दावा किया, विदेशी शराब की लाइसेंसी दुकानों में बची अंग्रेज़ी शराब को सरकार ज़ब्त कर लेगी और जांच के बाद उसकी कीमत दुकानदारों को वापस करेगी। देशी शराब के स्टॉक को जिला प्रशासन नष्ट कर देगा, इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। 

5. उत्पाद और मद्यनिषेध विभाग ने शराबबंदी से जुड़ी शिकायतों को दर्ज करने के लिए दस टेलीफोन लाइनों वाला एक कॉल सेंटर शुरू किया है, बिहार पुलिस का भी एक कंट्रोल रूम खास तौर पर शराबबंदी सुनिश्चित करने के लिए उत्पाद विभाग के कॉल सेंटर के साथ काम करेगा।

6. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों में 50 बेड वाला डिएडिक्शन सेंटर (नशा मुक्ति केंद्र) खोलने की योजना है। यहां खास तौर पर प्रशिक्षित डाक्टर तैनात किए जाएंगे, इन केंद्रों पर ज़रूरी दवा के साथ-साथ काउंसिलिंग का भी इंतज़ाम रहेगा।

7. शराब बनाने के लिए कच्चा माल और तैयार शराब की ढुलाई करने वाले टैंकरों में जीपीएस सिस्टम से लैस डिजिटल लॉकर लगाना ज़रूरी कर दिया गया है। सूबे से होकर दूसरे राज्यों में जाने वाले ऐसे वाहनों का टैंक बिहार में प्रवेश करते ही लॉक कर दिया जाएगा जिसे पड़ोसी राज्य की सीमा पर ही खोला जा सकेगा। इन वाहनों के लिए चौबीस घंटे के अंदर बिहार की सीमा से निकलना भी ज़रूरी होगा।

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