अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ और ‘टर ऑफ अंडरटेकिंग’ का पता चला है जिसके जरिए पैसे निकाले गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने 1100 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में पंजाब नेशनल बैंक के एमडी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता को समन भेजा है। ईडी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के कार्यकारी निदेशक के वी ब्रह्माजी राव से पूछताछ कर यह समझने का प्रयास किया कि कैसे यह घोटाला पकड़ा गया। साथ ही उनसे बैंकिंग प्रक्रियाओं के बारे में पूछा गया। आरोपी डायमंड कारोबारी नीरव मोदी से लोन की रकम चुकाने के लिए पंजाब नेषनल बैंक ने कंक्रीट प्लान पूछा है। नीरव मोदी द्वारा पहले लिखे गए पत्र का जवाब देते हुए बैंक ने कहा कि उसकी तरफ से कभी भी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी नहीं किए गए हैं। एलओयू जारी करने में बैंक का कोई रोल नहीं है। यह कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों ने गैरकानूनी तरीके से जारी किए। नीरव और उसकी तीन सहयोगी कंपनियों को बैंक की तरफ इस तरह की कोई सुविधा नहीं मिली थी। जब बैंक को इस घोटाले की जानकारी हुई कि लोन देने में फेमा कानून का उल्लंघन और मनी लॉन्ड्रिंग हुई है तो फिर उसने समस्त एजेंसियों को इसकी जानकारी दी।