नई दिल्ली : वाडिया समूह के चेयरमैन नुस्ली वाडिया की मानहानि की शिकायत पर एक लोकल कोर्ट ने टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा, मौजूदा चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन, समूह के आठ निदेशकों और समूह के चीफ ऑपरेशनल ऑफीसर को नोटिस जारी किया है। एसीएम मजिस्ट्रेट एमआई लोकवाणी की अदालत ने पिछले शनिवार को यह नोटिस जारी किया और इस मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च 2019 तय की है। वाडिया ने 14 दिसंबर को अपना बयान दर्ज कराया था। टाटा और चंद्रशेखरन के अलावा अजय पिरामल, अमित चंद्रा, इशत हुसैन, नितिन नोहरिया, रनेंद्र सेन, विजय सिंह, वेणू श्रीनिवासन, राल्फ स्पेथ और समूह के चीफ ऑपरेशनल ऑफीसर एफएन सूबेदार को यह नोटिस जारी हुआ है।
वाडिया ने 2016 में यह शिकायत तब दर्ज कराई जब उन्हें समूह की कुछ कंपनियों से बाहर कर दिया गया था। वाडिया ताज ग्रुप, टीसीएस, टाटा मोटर्स और टाटा स्टील जैसे तमाम ग्रुप के निदेशकों में शामिल थे। वाडिया के वकील अबद पोंडा ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को बताया कि आरोपियों का कहना था कि वाडिया साइरस मिस्त्री के साथ मिलकर काम कर रहे थे जो कि टाटा ग्रुप के हितों के खिलाफ था। वाडिया ने अपनी शिकायत में कहा कि वह उनको हटाए जाने के बताए गए कारणों से संतुष्ट नहीं थे। इसीलिए उन्होंने आईपीसी की धारा 500 के तहत मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।