नृत्य गोपालदास से मिले श्री श्री रविशंकर, बोले- सकारात्मक है माहौल
लखनऊ/नई दिल्ली। राम मंदिर मसले में मध्यस्थता कर रहे आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्री श्री रविशंकर गुरुवार को अयोध्या पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने राम जन्मभूमि के पक्षकार नृत्य गोपालदास से मुलाकात की। मुलाकात के बाद बाहर आए श्रीश्री ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि माहौल सकारात्मक है और लोग इस विवाद से बाहर आना चाहते हैं। मुझे पता है यह आसान नहीं है, पहले मुझे सबसे बात करने दें, अभी किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। बता दें कि श्रीश्री ने इसके पहले बुधवार को लखनऊ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व कई हिंदू संगठनों से चर्चा की। मुलाकात के बाद सीएम योगी ने कहा, चर्चा से कोई विवाद हल हो, इससे अच्छा कुछ हो नहीं सकता। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सरकार पक्ष नहीं है और अह इस मुद्दे पर बातचीत का समय निकल चुका है।
उधर, विहिप ने बयान जारी कर साफ कहा कि बातचीत की जरूरत नहीं है। पुरातत्व सबूत हिंदुओं के पक्ष में हैं और कोर्ट सबूतों से चलती है। वहीं अभा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि श्रीश्री बताएं उनका क्या नया फॉर्मूला है, क्योंकि 12 साल पहले उनकी ऐसी कोशिश विफल हो चुकी है। योगी से मुलाकात के बाद श्रीश्री ने कहा, “देश में शांति व सद्भाव से जुड़े हर मुद्दे पर बात हुई। मुझे उम्मीद है, मैं किसी से नफरत नहीं करता। यह शुरुआत है। हम सब से बात करेंगे।” याद रहे श्रीश्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह स्वेच्छा से मध्यस्थ बने हैं। वह देश में एकता व सद्भाव चाहते हैं। उप्र सरकार के एक वरिष्ठ अफसर ने सीएम योगी व श्रीश्री की मुलाकात सौजन्य भेंट थी। यह करीब 40 मिनट चली। इसमें योगी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार विवाद में पक्षकार नहीं है। सरकार किसी भी हल और कोर्ट के फैसले का आदर के साथ स्वागत करेगी।
उधर, आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के प्रतिनिधि गौतम विग ने कहा कि श्रीश्री हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों को सुन रहे हैं। फिलहाल समाधान का कोई फॉर्मूला या प्रस्ताव तैयार नहीं है। दोनों पक्षों का रवैया बहुत सकारात्मक है। कोर्ट में केस चलने दें : राम माधवइस बीच भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा है-“मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट में ये मामला चल रहा है और इसे चलने देना चाहिए। इस पर बात-विचार और बहस बाद में भी किए जा सकते हैं।” विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने लखनऊ में बयान जारी कर कहा, “राम-जन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर किसी समझौते के शोर की कोई प्रासंगिकता नहीं है। पुरात्तव के सबूत हिंदुओं के पक्ष में हैं और कोर्ट सबूतों पर फैसला देती है। विहिप श्रीश्री का आदर करती है, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि अतीत में ऐसे प्रयास विफल हो चुके हैं, जबकि उनमें प्रधानमंत्री, सरकारें व शंकराचार्य शामिल थे।” अयोध्या आंदोलन से जुड़े संत रामविलास वेदांती का कहना है-“जेल गए हम, लाठियां खाईं हमने और अचानक से श्रीश्री रविशंकर कहां से आ गए? रविशंकर तब कहां थे जब हम संघर्ष कर रहे थे? अयोध्या में राम मंदिर बनेगा तो ठीक है, वरना किसी भी कीमत पर मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी।”