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नेत्रहीनों के लिए देश में बना दुनिया का पहला ‘ब्रेल एटलस’

पहली बार देश में लगभग 50 लाख नेत्रहीनों के लिए विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय एक ऐसा मानचित्र लेकर सामने आया है जिससे नेत्रहीन यह महसूस कर सकेंगे की दुनिया कैसी दिखती है, इसे ‘ब्रेल एटलस’ नाम दिया गया है। इस ‘ब्रेल एटलस’ में लगभग 20 मानचित्र हैं जो कि विभिन्न थीम्स पर आधारित हैं। ये शारीरिक, सामाजिक आर्थिक, नदी प्रणाली, फसल क्रम, प्राकृतिक सब्जी, सांस्कृतिक, महानगरीय क्षेत्र, सड़कें, रेलवे और फसलों की थीम्स पर आधारित हैं। 

विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले कोलकाता के राष्ट्रीय एटलस और विषयगत मानचित्रण संगठन (एनएटीएमओ) द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में इसे बनाया गया है। इस ‘ब्रेल एटलस’ को स्वदेशी विकसित सिल्क स्क्रीन पेंटिंग तकनीक की मदद से बनाया गया है।

पहली बार शारीरिक रुप से विकलांग लोगों के लिए एटलस बनाया गया है

नएटीएमओ के निदेशक ताप्ती बैनर्जी ने कहा कि यह पहली बार है कि शारीरिक रुप से विकलांग लोगों के लिए इतने सूक्ष्म जानकारियों के साथ एक एटलस बनाया गया है।

केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि प्रत्येक ‘ब्रेल एटलस’ की कीमत लगभग 600 रुपये है मगर हम नेत्रहीन छात्रों को पढ़ाने के लिए हम प्रत्येक शिक्षण संस्थान को इसकी कुछ प्रतियां मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे। ​इस ‘ब्रेल एटलस’ को विकसित करने की शुरुआत करने के लिए एनएटीएमओ को इस साल के भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया था।

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