नई दिल्ली : पिछले महीने 25 अप्रैल को भूकंप से तबाही झेल चुके नेपाल पर अब भी बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है। इस झटके के बाद कुछ वैज्ञानिकों का तर्क था कि नेपाल भूकंप की दृष्टि से अगले कुछ साल के लिए सुरक्षित हो गया है। जमीन के भीतर बन रही ऊर्जा बड़े भूकंप के रूप में निकल जाने को इसकी बड़ी वजह माना जा रहा था। किंतु ऐसा नहीं है। भूकंप वैज्ञानिक एवं पृथ्वी एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग के पूर्व सचिव डॉ. हर्ष के. गुप्ता के अनुसार 25 अप्रैल, उसके बाद आए करीब 50 कम तीव्रता के झटके और ताजा भूकंप से हिमालय क्षेत्र में धरती के नीचे एकत्र भूगभीर्य ऊर्जा का सिर्फ पांच फीसदी ही बाहर निकला है। इसका मतलब यह हुआ है कि हिमालयी क्षेत्र में भूकंप का खतरा आगे भी बरकरार रहेगा। लेकिन कब और कहां आएगा यह नहीं कहा जा सकता। बता दें कि हर्ष गुप्ता ने हिमालय क्षेत्र में पिछले सौ सालों में आए भूकंपों का अध्ययन करने के बाद दावा किया है कि वहां पिछले 50 साल में बड़े भूकंप नहीं आए हैं। इससे पहले के 50 साल में कम से कम चार बड़े भूकंप शिलांग, हिमाचल प्रदेश, नेपाल बार्डर और अरुणाचल में आए थे। यह आठ या इससे ज्यादा तीव्रता वाले थे। उनका तर्क है कि इंडियन एवं यूरेशियन प्लेटों के टकराने से पैदा हो रही भूगर्भीय ऊर्जा अंदर जमा हो रही है। यह कभी न कभी बाहर निकलेगी। कुछ अन्य वैज्ञानिक शोधों के मुताबिक कश्मीर से असम तक फैली हिमालय श्रृंखला में पिछले 200 साल में चार बड़ भूकंप आए हैं। नेपाल जिस भूकंप क्षेत्र में आता है, उसमें पिछले 400 साल में कोई तगड़ा भूकंप नहीं आया है। वैज्ञानिक हालिया झटकों से भी कहीं अधिक शक्तिशाली भूकंप की आशंका से इनकार नहीं कर रहे हैं। हालांकि इसका सही आकलन करना उनके लिए संभव नहीं है।