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नेपाल में माओवादी ओली सरकार से नहीं लेंगे समर्थन वापस

एजेंसी/ 111251-428544-nepal-pm02.11.15काठमांडो: नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली को राहत देते हुए प्रचंड के नेतृत्व वाले माओवादियों ने गुरुवार को यूटर्न ले लिया और ‘फिलहाल’ गठबंधन सरकार से समर्थन वापस नहीं लेने का निर्णय किया है। माओवादी प्रमुख के बालूवतार स्थित आवास पर आज सुबह गठबंधन के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद सरकार को समर्थन जारी रखने का निर्णय किया गया। प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार प्रमोद दहल के मुताबिक बैठक में यूसीपीएन (माओवादी) अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के अलावा यूएमएल के वरिष्ठ नेता झालानाथ खनल और बामदेव गौतम भी मौजूद थे।

माओवादियों ने 24 घंटे से भी कम समय में यू टर्न ले लिया। उन्होंने प्रचंड के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन की घोषणा की थी। भारत विरोधी विचारों के लिए जाने जाने वाले प्रचंड 18 अगस्त 2008 से 25 मई 2009 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे। पार्टी ने ‘‘फिलहाल’’ ओली नीत सरकार से समर्थन वापस नहीं लेने का निर्णय किया है। पार्टी ने यह खुलासा नहीं किया कि माओवादियों के साथ किस तरह का समझौता हुआ कि इसने अपना पहले का निर्णय बदल दिया। एक माओवादी नेता ने कहा, ‘हमारी पार्टी ने अभी इंतजार करने का निर्णय किया है क्योंकि इस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में कुछ कानूनी अड़चन है। फिलहाल गठबंधन बना रहेगा।’ 

सरकार अगले महीने नया बजट पेश करने की तैयारी कर रही है।इससे पहले यूसीपीएन माओवादी और मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस के बीच ओली नीत सरकार को गिराने का समझौता हुआ था। समझा जाता है कि प्रचंड और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के बीच सरकार का नेतृत्व बदलने और माओवादी प्रमुख के नेतृत्व में राष्ट्रीय सरकार बनाने का समझौता हुआ था। ओली के नेतृत्व वाले सात महीने पुराने सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार आने के बाद यह समझौता हुआ। मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ओली नीत सरकार की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है। आंदोलनरत मधेशी दल पर ओली के नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार से खुश नहीं हैं क्योंकि सरकार ने मधेशी दलों की मांग पर ध्यान नहीं दिया है।

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