अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल रहेगा धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र

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दस्तक टाइम्स/एजेंसी

काठमांडो। नेपाली संविधान सभा ने नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और यह घोषित किया गया कि हिंदू बहुल यह हिमालयी देश धर्मनिरपेक्ष बना रहेगा। संविधान सभा के इस फैसले के विरोध में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए, जबकि संघीय ढांचे को लेकर हालात पहले से ही खराब हैं। हिंदू समर्थक समूह राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी नेपाल :आरपीपी-एन: की ओर से यह प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसमें संविधान में संशोधन के जरिए नेपाल का हिंदू राष्ट्र का दर्जा फिर से बहाल करने की बात की गई थी। 601 सदस्यीय संविधान सभा में दो तिहाई से अधिक सदस्यों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। नेपाली संविधान सभा की ओर से संविधान के मसौदे के अनुच्छेदों पर मतदान के दौरान सांसदों ने घोषणा की कि नेपाल धर्मनिरपेक्ष बना रहेगा। आरपीपी-एन के अध्यक्ष कमल थापा ने नेपाल को हिंदू राष्ट्र फिर से बनाने की मांग को लेकर अनुच्छेद चार में संशोधन का प्रस्ताव दिया था।
बहरहाल, पार्टी सूत्रों के अनुसार नेपाल के हिंदू राष्ट्र के तौर पर बहाली का प्रस्ताव ठुकरा दिया गया क्योंकि इसे जरूरी 10 फीसदी मत नहीं मिले। संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाष चंद्र ने प्रस्ताव के ठुकराए जाने का ऐलान किया तो थापा ने मत विभाजन की मांग की। थापा के प्रस्ताव के पक्ष में 601 सदस्यीय संविधान सभा में सिर्फ 21 मत मिले, जबकि मत विभाजन के लिए 61 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है। पहले हिंदू राष्ट्र रहे नेपाल को जन आंदोलन की सफलता के कारण हुए राजशाही के खात्मे के बाद 2008 में धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया था।

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