मनोरंजन

नेपोटिज्म को नकारा नहीं जा सकता, काम पर ध्यान देने की अधिक जरूरत : राधिका मदान

मुम्बई : फिल्म “अंग्रेजी मीडियम” और “पटाखा” जैसी फिल्मों में काम करने वाली राधिका मदान को उनकी एक्टिंग के लिए खूब पसंद किया जाता है। हाल में ही सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड के बाद छिड़ी नेपोटिज्म व आउटसाइडर बनाम इनसाइडर की बहस पर राधिका मदान ने मीडिया इंटरव्यू में जवाब दिया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने भी ये सब फेस किया है। रिया चक्रवर्ती और सुशांत सिंह राजपूत की लवस्टोरी, ऐसी थी पहली और आखिर मुलाकात-PICS राधिका मदान का कहना है कि नेपोटिज्म है, इसे नकारा नहीं जा सकता। लेकिन इस पर बार-बार बहस करने से वक्त जाया करना हुआ। इससे अच्छा है कि हम अपने काम पर ध्यान दें। अपनी कला को सुधारें।

नेपोटिज्म की बहस को बंद कर अपने काम पर ध्यान देने की जरूरत है। वहीं राधिका मदान ने आउटसाइडर्स को सलाह भी दी। उन्होंने कहा, मैं खुद एक आउटसाइडर हूं। मैं खुद प्रोड्यूसर्स के पास जाती हूं। ऑडिशन का पता करती हूं। ऐसे ही मैंने पटाखा और अंग्रेजी मीडियम जैसी फिल्में हासिल की। मेरे हिसाब से सभी को ऐसा करना चाहिए। स्टूडेंट ऑफ द ईयर के लिए दिया था ऑडिशन राधिका ने बताया कि करण जौहर की फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर के लिए उन्होंने ऑडिशन दिया था। लेकिन ये फिल्म उनके साथ से निकल गई। ये उनका बुरा एक्सपीरियंस था। मैं बहुत डरी हुई थी राधिका ने बताया कि स्टूडेंट ऑफ द ईयर के ऑडिशन के दौरान वह काफी डर गई थीं। उन्हें बुखार तक हो गया था। इसी वजह से उनके लिए ये एक बुरा एक्सपीरियंस रहा था।

धर्मा प्रोडक्शन से कोई गिला शिकवा नहीं राधिका के हाथ से स्टूडेंट ऑफ द ईयर निकल जाने पर वह कहती हैं कि, उन्हें करण जौहर व धर्मा प्रोडक्शन से कोई शिकायत नहीं है, कि उन्होंने कास्ट नहीं किया। क्योंकि मैं अच्छा ऑडिशन नहीं दे पाई। इसी वजह से ये फिल्म मेरे हाथ से निकली। इसका दोष किसी और को नहीं दे सकती।

Related Articles

Back to top button