नेल पॉलिश की अवैध फैक्ट्री में धमाके से लगी आग, चार झुलसे, तीन गंभीर
नेलपॉलिश बना रहे नाबालिग नौकर की चीख सुनकर फैक्ट्री मालिक दौड़ा। दोनों लोग बुरी तरह से झुलस गए। आननफानन में जीना उतरी पत्नी और बेटा भी झुलस गए। धमाका इतना तेज था कि पूरा इलाका दहल उठा।
पड़ोसियों ने पुलिस व फायर स्टेशन फोन करने के साथ अपनी छतों से आग बुझाने की कोशिश शुरू की। पहले तल पर फंसी दो बच्चियों व नौकरानी को सकुशल निकालने के साथ झुलसे चारों लोगों को घर से निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। दमकल की पांच गाड़ियों को आग बुझाने में डेढ़ घंटा लगा।
एसओ तालकटोरा अशोक कुमार यादव ने बताया कि राजाजीपुरम के सी-ब्लॉक में जयप्रकाश लालवानी (45) के तीन मंजिला मकान के भूतल पर सोमवार दोपहर 12:15 बजे नेलपॉलिश बनाए जाने के दौरान शॉर्टसर्किट से आग लगी।
दोनों लपटों से घिरकर बुरी तरह झुलस गए। पूरा भूतल धू-धूकर जलने लगा। धुआं प्रथम तल तक पहुंचने पर जयप्रकाश की पत्नी संगीता (40) नीचे उतरी। पति व नौकर को बचाने की कोशिश में वह भी झुलस गई। उनके साथ दस वर्षीय बेटा विशाल भी मामूली रूप से झुलसा।
जयप्रकाश के मकान से धमाके, काला धुआं व लपटें देख आसपास के लोग दौड़े। पुलिस व फायर स्टेशन फोन करने के साथ आग बुझाने की कोशिश शुरू की। पड़ोसी शैलेंद्र अवस्थी अपनी छत पर चढ़कर सबमर्सिबल से पाइप लगाकर पानी की तेजधार छोड़ी। आसपास के लोग छत के रास्ते जयप्रकाश के घर में घुसे।
दूसरे तल पर फंसी उसकी बेटी सोना (10), रानी (15) के साथ घरेलू नौकरानी खुशबू को निकाला। इसके साथ झुलसे चारों लोगों को भी किसी तरह घर से निकाला और गाड़ी में लादकर सिप्स अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने जयप्रकाश, संगीता व ऋतिक की हालत गंभीर बताई है।
आबकारी विभाग में वाहन चालक राकेश अवस्थी ने दमकल दस्ते से पाइप थामा और धुएं के बीच पानी की तेजधार छोड़ते हुए भूतल तक पहुंच गए। मोहल्ले के ही अमन के साथ मिलकर वह आग की लपटों में फंसे जयप्रकाश, संगीता और ऋतिक को बाहर निकाल लाए। दमकलकर्मी भी दूसरी गाड़ी का पाइप लेकर आग बुझाने में जुटे। करीब डेढ़ घंटे में आग बुझा ली गई।
इन्होंने भी निभाया पड़ोसी धर्म
केमिकल व स्प्रिट की वजह से विकराल रूप धारण कर चुकी आग जीने के रास्ते प्रथमतल की तरफ बढ़ रही थी किपड़ोसियों ने अपने घरों से पानी की तेजधार छोड़ी और पाइप लेकर जयप्रकाश के घर कूद गए। पड़ोसी शैलेंद्र अवस्थी, यदुनाथ, जयनारायण विश्वकर्मा काले धुएं के बीच आग को ऊपर आने से रोकने का प्रयास करते रहे।