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नेशनल हेराल्ड केस को लेकर लोकतंत्र को बंधक बनाए हुए है कांग्रेस: जेटली

97160-arunनई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर लोकतंत्र को बंधक बनाने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि सरकार की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है और वह कोई भी कार्रवाई करने से पहले अदालत के फैसले का इंतजार करेगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अथवा उनके पुत्र राहुल का नाम लिए बगैर जेटली ने कहा कि कांग्रेस के नेता अपने ही बनाए चक्रव्यूह में फंस गए हैं और अब इसके लिए संसद में गतिरोध पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अदालती प्रक्रिया के नतीजे का इंतजार करेगी। यदि इसमें कोई कर का मामला आता है तो कर अधिकारी नियत प्रक्रिया के तहत पूछ-ताछ करेंगे।

जेटली ने एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम में कहा कि कर विभाग से किसी को कोई शिकायत है वह अपील कर सकते हैं।

उन्होंने कहा ‘यह कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने कोई नोटिस जारी नहीं किया है। कर विभाग ने कोई आकलन आदेश जारी नहीं किया है।’ यह पूछने पर कि क्या सरकार और विपक्ष के बीच शत्रुता की हद तक कड़वाहट है उन्होंने कहा ‘कोई शत्रुता नहीं है।’

उन्होंने कहा कई मुद्दे होते हैं जिन पर संसद एकमत होकर काम करती है और ऐसे भी जिन पर मतभेद होता है। ‘लेकिन इस मामले में भारत सरकार ने ऐसा कौन सा कदम उठाया है जिसको लेकर संसद को बाधित किया जा रहा है।’

जेटली ने कहा ‘आज बाधा पैदा करने की वजह क्या है? एक निजी शिकायत दर्ज हुई, एक मैजिस्ट्रेट ने नोटिस जारी किया, आप उच्च न्यायालय जाते हैं और उच्च न्यायालय स्थगन आदेश जारी करता है। सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय इसे खारिज कर देता है। अब आप या तो सुनवाई अदालत जाएं या इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दें। सरकार ने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया है।’

जेटली ने कहा कि ऐसे समय में जबकि जीएसटी जैसा महत्वपूर्ण विधेयक संसद में अटका हुआ है कि कांग्रेस के लिए गतिरोध पैदा करने की वजह है कि पार्टी के नेता अपने बनाए चक्रव्यूह से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उन्होंने कहा ‘और उनके वकील उनकी मदद करने में सक्षम नहीं हैं और वे अपने आपको मुश्किल में पा रहे हैं, और वे देश के लोकतंत्र को बंधक बनाए हुए हैं।’

उन्होंने कहा कि वह ऐसे मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे जिस पर जांच चल रही हो।

जेटली ने कहा ‘सरकार की ओर से (कांग्रेस के नेताओं को) कोई नोटिस जारी नहीं हुआ। किसी को सम्मन जारी नहीं किया गया। प्रवर्तन निदेशालय में किसी के खिलाफ कोई मामला नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक किसी को कोई पत्र जारी नहीं किया।’ उन्होंने कहा कि कांग्रस ने गलत आधार पर अपनी दलील तैयार की है। उन्होंने कहा ‘क्या उसके किसी नेता को प्रवर्तन निदेशालय से पत्र मिला है।’ उन्होंने कथित तौर पर ‘बदले की राजनीति’ के लिए संसद में गतिरोध पैदा करने के लिए पार्टी का हवाला दते हुए कहा ‘लेकिन आपको (कांग्रेस) ऐसा लगता है और फिर बार-बार इसे दोहराते हैं और इस पर भरोसा करने लगते हैं। और देश के लोकतंत्र को पंगु बनाने लगते हैं।’

 

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