नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस ने अपनी रणनीति में अदालत के बजाए राजनैतिक तरीकों को अपनाने का फैसला किया है। 19 दिसंबर को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया है।
कांग्रेस नेताओं की यदि मानें तो अभी तक सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने बेल बॉन्ड नहीं भरा है। नियम के अनुसार अदालत में जमानत के वक्त जज आरोपी से पूछते हैं कि आप ने बेल बांड भरा है या नहीं, तो वहां बताना पड़ता है कि हां हमने ऐसा किया है। यह अदालत को भरोसा दिलाने के लिए है कि आरोपी बिना अदालत की अनुमति के देश छोड़ कर बाहर नहीं जाएंगे, अदालत के बुलाने पर पेश होंगे। अरविंद केजरीवाल मामले में बेल बॉन्ड न भरने की वजह से उन्हें जेल जाना पड़ा था। इसी वजह से अब ये कहा जा रहा है कि शायद सोनिया और राहुल भी यही रास्ता अपनाएं।
अब जरा कांग्रेस की तैयारियों को देखते हैं…
– 19 अगस्त को कांग्रेस मुख्यालय में 1 बजे दिन से बैठक बुलाई गई है
– इसी बैठक में कांग्रेस की आगे की रणनीति तय होगी कि बेल ली जाए या जेल जाया जाए
– सभी राज्यसभा और लोकसभा सांसदों को दिल्ली में रहने को कहा गया है
– कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाया गया है
– सभी राज्यों के कांग्रेस विधायक दल के नेताओं को भी दिल्ली तलब किया गया है
कांग्रेस को लगता है कि जिस तरह से 1977 के बाद तब की सरकार ने इंदिरा गांधी को केस मुकदमे में फंसाया था और इंदिरा ने उनका डटकर मुकाबला किया, अब कांग्रेस की रणनीति है कि हेराल्ड मामले पर भी आक्रामक रवैया अपनाया जाए और जेल जाने की हालत में भी झिझका नहीं जाए।
अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर सीबीआई के छापे, अरुणाचल प्रदेश में राज्यपाल का चुनी सरकार में वेवजह दखल, पी. चिदंबरम के बेटे के यहां बार बार प्रवर्तन निदेशालय के छापों सो जो माहौल बना है, उसका कांग्रेस फायदा उठाना चाहती है।