नोएडा के सेक्टर 121 स्थित गढ़ी चौखंडी गांव में शुक्रवार को नोएडा विकास प्राधिकरण ने 5 अवैध इमारतों को सील कर दिया. नोएडा में गढ़ी चौखंडी ग्रेटर नोएडा का शाहबेरी बनता जा रहा था. यहां पर किफायती फ्लैट्स को लेकर ग्राहकों को लुभाने और गांव की जमीन पर बगैर नक्शा पास कराए घटिया क्वालिटी की इमारतों का धड़ाधड़ निर्माण चल रहा है.
शाहबेरी में करीब तीन हज़ार फ्लैट्स का निर्माण हो चुका है और बाकी निर्माणाधीन हैं. यहां पर बनाई गईं ज्यादातर हाईराइज़ इमारतों तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं बनी है. अपने घरों तक लोगों को कच्चे रास्तों से होकर जाना पड़ता है. इन बिल्डिंग्स के बेसमेंट में पानी भर गया है और नाली-सीवर की व्यवस्था भी नहीं है.
बता दें कि शाहबेरी में गत 26 जुलाई को भारी बारिश की वजह से दो इमारतें गिर भी गई थीं. हालांकि उन्हें पहले खाली कराया जा चुका था. शाहबेरी प्रकरण के बाद नोएडा के गढ़ी चौखंडी में सीलिंग की कार्रवाई तेज की गई है. हालांकि सीलिंग की कार्रवाई पहले से जारी थी और पिछले 6 महीनों में यहां पर 28 इमारतों को सील किया जा चुका है.
गढ़ी चौखंडी में शुक्रवार की सीलिंग की कार्रवाई के बाद अब कुल 33 इमारतें सील हो गई हैं. अधिग्रहण की गई जमीन के एक बड़े हिस्से का कब्जा प्राधिकरण ने नहीं लिया था जिसके बाद भूमाफियाओं ने किसानों के साथ मिलकर और प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध इमारतों को बनाना शुरू कर दिया.
दरअसल, गांव में काफी जमीन तो आगे होने वाली आबादी विस्तार के लिए भी छोड़ी जाती है, लेकिन भू-माफिया इस जमीन को खरीदकर इस पर बगैर मंजूरी के 6-7 मंजिल की इमारत बनाकर फ्लैट्स बेच देते हैं. विकसित सेक्टर्स के नजदीक अच्छी लोकेशंस पर कम कीमत में मिलने वाले फ्लैटस को लोग लालच या जानकारी के अभाव में खरीद लेते हैं. उधर सील की गईं इमारतों के मालिकों का आरोप है कि 3 साल तक जब निर्माण होता रहा तो प्राधिकरण से कोई रोकने-टोकने नहीं आया और अब अचानक से बिल्डिंग्स को सील किया जा रहा है.