यूपी में 12 जिला के जेल अधीक्षकों का तबादला, देखिए List
यूपी की हुकूमत ने एक ही खेप में 12 जेलों के सुपरिंटेंडेंट और सीनियर सुपरिंटेंडेंट का तबादला कर दिया. तबादला सूची में नोएडा (गौतमबुद्ध नगर जिला जेल) के चर्चित जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद का भी नाम शामिल है. भीमसेन मुकुंद कुछ माह पहले तब रातों-रात चर्चाओं में आ गये थे जब जेलों में पड़े पुराने कंबलों से उनके द्वारा गायों के लिये बनवाई जा रही रजाईयों के काम का जिक्र, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चर्चित कार्यक्रम “मन की बात” में किया था. भीमसेन मुकुंद को नोएडा जिला जेल से हटाकर अब मऊ जिला जेल का सुपरिंटेंडेंट बनाया गया है. इसके अलावा जिन अन्य जिला जेलों के प्रमुख बदले गये हैं उनमें वाराणसी, चित्रकूट, आगरा जेल का भी नाम शामिल है.
हाल-फिलहाल बीते लंबे समय में अब तक की यह सबसे बड़ी तबादला सूची मानी जा रही है. राज्य की हुकूमत और जेल महानिदेशालय तबादलों की इस लंबी फेहरिस्त को नियमित तबादला प्रक्रिया का ही हिस्सा बता रही है. जेल सुपरिंटेंडेंट भीमसेन मुकुंद ने कौशांबी जिला जेल में तैनात रहते हुए कैदियों के इस्तेमाल के बाद बर्बाद हुए फटे-पुराने कंबलों के इस्तेमाल से, गौशालाओं में रहने वाली गायों के लिए कंबल-रजाईयां बनवाना शुरू कर दिया था. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री को गौ हित में किया गया वो काम बेहद भा गया था. प्रधानमंत्री ने देश की बाकी तमाम जेलों को प्रोत्साहित करने के लिए भीमसेन मुकुंद की उस नायाब कोशिश का जिक्र, अपने चर्चित कार्यक्रम “मन की बात” में भी कर दिया. तबादला सूची के मुताबिक इन्हीं भीमसेन मुकुंद को नोएडा जिला जेल से हटाकर अब मऊ जेल भेजा गया है.
12 जेलों के अधीक्षक बदले गए
इसी तरह से राज्य की ग्यारह अन्य प्रमुख जिला जेलो के सर्वे-सर्वा को भी बदल दिया गया है. 26 जून को यह तबादला सूची राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से जारी की गई है. बदले गये सभी जेल अधीक्षकों को तत्काल नई जेल में पहुंचकर ज्वाइन करने को कहा गया है. नोएडा की जेल से भीमसेन मुकुंद के अलावा राज्य की अन्य जिन 11 जेलों के अधिकारी बदले गए हैं उनमें जिला जेल फतेहगढ़, कानपुर देहात, गाजीपुर, मऊ, मुजफ्फरनगर, वाराणसी, आगरा, अयोध्या, मथुरा, गोरखपुर और रायबरेली जेल का नाम भी शामिल है. जेलों के इसी क्रम में अब जिन जेल अधीक्षकों को उनकी नई तैनाती पर भेजा गया है उनका नाम रामधनी, राजेंद्र कुमार, हरिओम शर्मा, अरुण प्रताप सिंह, भीमसेन मुकुंद, सीताराम शर्मा, अरूण कुमार सक्सेना, प्रेमदास सलोनिया, शशिकांत मिश्रा, बृजेश कुमार, ओमप्रकाश कटियार और अविनाथ गौतम है.
जेले में हो चुकी हैं दुर्घटनाएं
उल्लेखनीय है कि बीते चंद महीनों के अंतराल पर राज्य की चित्रकूट जेल में दो बदमाशों को तीसरे ने घेरकर मार डाला था. बाद में दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले बदमाश को पुलिस और जेलकर्मियों ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. घटना के तुरंत बाद ही उस खूनी तबाही के चलते राज्य की हुकूमत ने चित्रकूट जेल के कई अफसरों को सस्पेंड कर दिया था. चित्रकूट जेल कांड के कुछ महीने बाद ही जौनपुर जेल में बंद कैदियों ने कई घंटे के लिए जेल पर कब्जा कर लिया.दोपहर से शुरू हुआ वो बवाल रात आठ-नौ बजे जाकर शांत कराया जा सका. उस घटना में एक कैदी की मौत से बौखलाये बाकी कैदियों ने जेल को बंधक बना लिया. एक अदद रसोई में मौजूद गैस सिलेंडर के बलबूते. साथी की मौत से नाराज कैदी जेल अफसरों-कर्मचारियों को धमका रहे थे कि, वे कुकिंग गैस सिलेंडर में आग लगाकर जेल को विस्फोट करके उड़ा देंगे.