फीचर्डराष्ट्रीय

नोटबंदीः NRI लोगों ने निकाले 1700 करोड़ डॉलर, अर्थव्यवस्था पर पड़ा असर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा करने के बाद एनआरआई ने सबसे ज्यादा पैसा बाहर निकाल लिया। एनआरआई लोगों ने अक्तूबर और नवंबर माह में 1700 करोड़ डॉलर निकाला, जिसकी वजह से डॉलर के मुकाबले रुपया अपने सबसे निचले स्चर पर पहुंच गया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब अनिवासी भारतीयों ने पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में अपने निवेश को बाहर निकाला है। इतना पैसा 2008 में आई विश्वव्यापी मंदी के दौरान भी नहीं
 dollar_1477690344
इक्विटी मार्केट से निकाला 550 करोड़ डॉलर

दो महीने में एनआरआई ने केवल इक्विटी मार्केट से 550 करोड़ डॉलर निकाल लिया। अगर भारतीय रुपये में यह आंकड़ा निकाला जाए तो 1.16 लाख करोड़ रुपये बैठता है। एनआरआई, बैंकों में फॉरेन करेंसी नॉन रेजिडेंट अकाउंट में अपना पैसा रखते हैं। नोटबंदी के बाद अकेले नवंबर महीने में 1141.2 करोड़ यूएस डॉलर इन अकाउंट्स से निकाला था, जो की किसी भी महीने में की गई सबसे ज्यादा निकासी थी।
 

मोदी की चाह के उलट एनआरआई का यह कदम देगा नुकसान

इकोनॉमिक एक्सपर्ट के मुताबिक, नोटबंदी के बाद एनआरआई द्वारा उठाया गया यह कदम नुकसान दे सकता है। जहां एक तरफ पीएम एनआरआई से ज्यादा से ज्यादा पैसा निवेश करने की बात कह रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एनआरआई पैसा निकाल रहे हैं। पैसा निकालने के कारण रुपये की कीमत 24 नवंबर को 68.85 के पार चली गई थी।

फिलहाल डॉलर के मुकाबले रुपया 68.04 चल रहा है। अगर रुपये की कीमत ऐसी ही रही तो आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें तो बढ़ेंगी, साथ ही इकोनॉमी पर भी इसका नकरात्मक असर पड़ने की संभावना है। इससे पहले रुपये की कीमत 2013 में सबसे कम हुई थी।  

Related Articles

Back to top button