नोटबंदी से लोगों में देशभक्ति तथा सेवा का अभूतपूर्व जज्बा उभरा
सरकार के 500 और 1000 रूपये के नोटबंदी के फैसले को लेकर देश भर में बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं। कही रोष है तो कई इस फैसले के साथ नजर आ रहे है। इस बीच इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज रहे वीरेंद्र सहवाग ने लोगों को संदेश दिया है ‘‘शहीद हनुमनथप्पा ने 6 दिन, -45 डिग्री सेल्सियस बर्फ के अंदर 35 फीट दबे रहने के बाद भी बचाए जाने की उम्मीद में काट दिए। निश्चित तौर पर हम सभी लोग भी अपने देश को बनाने के लिए कुछ घंटे बैंक की लाइन में लग सकते हैं। बैंक एटीएम के बाहर खड़े लोगों की मदद के लिए बढ़े हाथ भी देश भक्ति के प्रति सम्मान प्रकट करने के सराहनीय आयाम हैं। भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली ने केंद्र के इस बड़े कदम की जमकर सराहना की। इसे भारतीय राजनीति के इतिहास का सबसे बड़ा कदम बताया। कोहली ने मजाकिया अंदाज में कहा कि वे तो सोच रहे थे कि पुराने नोटों पर अपने प्रशंसकों को आटोग्राफ देे दें। देश के लिए अपना जीतोड़ तथा सर्वोत्तम खेल प्रदर्शन देने वाले खिलाड़ियों की आवाज हमें अवश्य सुननी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने नोटों पर बैन के सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। बैन हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सरकार के फैसले का मकसद सराहनीय दिखता है। लेकिन इसको लेकर काफी परेशानियां भी नजर आ रही हैं। सरकार बताये कि लोगों की परेशानी को कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार के 8 नवम्बर के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ कुल चार याचिकायें दायर की गई हैं। मुख्य न्यायाधीश श्री ठाकुर और न्यायाधीश श्री चंद्रचूड़ की बैंच इन पर सुनवाई कर रही है। न्यायालय का सम्मान प्रत्येक नागरिक को करना चाहिए। देश संविधान तथा उसके कानून से चलता है।
बच्चों को बाल्यावस्था से ही कानून का स्वतः पालन करने वाला बनाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करेंगे तो वह बड़े होकर नौकरी या व्यवसाय करके भ्रष्टाचारी बन जायेगा और एक दिन काला धन उनकी बदनामी, अनेक प्रकार बीमारियों तथा जेल जाने का कारण बनेगा। भ्रष्टाचारी व्यक्ति अपने साथ अपने बच्चों का भी विनाश कर देता है। भ्रष्टाचारी देश का सबसे बड़ा देशद्राही है। वे वतन के सिपाहियों के बलिदान का अपमान करने वाले हैं। एक वतन का सिपाही तथा एक कलम का सिपाही देश के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर अपना एक-एक दिन इसलिए बलिदान करता है ताकि उसके देश के नागरिक सुरक्षित रहे। भ्रष्टाचारी तथा कालाबाजारी देश के सैनिकों के विश्वास को तोड़ने वाले हैं। उनकी जगह समाज में नहीं फांसी के फंदे तथा जेल में होनी चाहिए। गुजरात के गांधी नगर में लाइन में लगकर मोदी जी की मां हीराबेन जी ने 4500 रूपये के नोट बदलवाएं। हीराबेन ने संदेश देने की कोशिश की कि वह बुजुर्ग होकर भी सरकार के फैसले के साथ खड़े होकर थोड़ी मुश्किल सह सकती हंै। हीराबेन जैसी माँ को लाखों सलाम। धन्य है भारत की माता हीराबेन जिसने देश के लिए बलिदान होने का जज्बे रखने वाले मोदी जैसे महान व्यक्तित्व को जन्म दिया। मोदी जी के माता-पिता को सारा देश बारम्बार शत शत नमन करता है। चाय बेचने वाले मोदी के अन्दर एक फकीर तथा तथा शासक दोनों की आत्मा जी रही है। धन्य है यह धरती माता। मोदी जी की गरीब माँ जिसने घरों में बर्तन मांजकर अपने बच्चों का पालन-पोषण किया ऐसी त्याग की मूर्ति माँ को राष्ट्र माता का सम्मान मिलना चाहिए। है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूँ। भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ। इतने पावन है लोग जहां मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ।
एक सर्वे के मुताबिक, देश के 82 प्रतिशत लोगों की नजर में नोटबंदी का फैसला सही है। वहीं 84 प्रतिशत लोग यह मानते हैं कि मोदी सरकार कालेधन को रोकने को लेकर गंभीर है। जनता को ध्येयपूर्वक सरकार के द्वारा उठाये गये साहसी कदम के परिणामों का इंतजार करना चाहिए। मोदी ऐसा व्यक्तित्व है जो लुभावने भाषण देने वाला नेता नहीं वरन् अपने शब्दों पर अमल करने वाला देश का सच्चा प्रधान सेवक है। देश के दिवंगत महापुरूषों की आत्मा मोदी के इस ऐतिहासिक कदम की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रही होंगी। देश में ऐसा विश्वास उभरा है कि देश के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने वाले महापुरूषों का बलिदान बेकार नहीं जायेगा। देश के 84 प्रतिशत लोग सच्चे देश भक्त हैं। काले धन के खिलाफ उठाये गये कड़े कदम की बालीवुड एक्टर नाना पाटेकर जमकर तारीफ कर रहे हैं। उनका कहना है कि रूपये की कमी से हम सब जूझ रहे हैं लेकिन देश की खातिर हमें कुछ दिनों की परेशानी सहने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र सरकार का बेहतरीन फैसला है। देश का काला धन बाहर निकालने के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी था। नाना पाटेकर ने भी कहा कि नोटबंदी अच्छा कदम है। इससे आतंकवाद से कारगर ढंग से निपटा जा सकेगा। नानापाटेकर एक अच्छे कलाकार ही नहीं वरन् देश के एक अच्छे इंसान भी हैं। बैंकों और एटीएम की लाइनों में लोगों की मदद को बढ़े हाथ – जब लोगों ने दूल्हे राजा को लाइन में आगे कर बैंक से दिलाए नोट, बैंकों के बाहर खड़े लोगों को दी गई ‘चाय’ तथा गूगल ने दिया बड़ा फीचर, एक क्लिक में पाइए नजदीकी एटीएम की लिस्ट। यह कहां जाता है कि सकारात्मक कदम उठाने पर संसार की सारी सकारात्मक शक्तियां एकजुट होकर सृजन करने के लिए आ जाती हैं। इसी के विपरीत नकारात्मक कदम उठाने से संसार की नकारात्मक शक्तियां एकजुट होकर विनाश करती हंै। अच्छी भावना से किये गये कार्य के अनेक गुणा होकर शुभ परिणाम मिलते हैं। ईमानदार अमीर-गरीब, अधिकारी, कर्मचारी, व्यापारी सभी वर्ग के लोग जाति-धर्म से ऊपर उठकर मोदी के भ्रष्टाचार खिलाफ उठाये ऐतिहासिक कदम में अपनी-अपनी तरह से अपनी-अपनी कर्मभूमि रूपी मोर्चें पर लड़ाई लड़ रहे हैं। यह लड़ाई केवल सरकारी मोर्चें से ही सफल नहीं होगी वरन् सभी को देश सेवा के जज्बे से संकल्पित होना पड़ेगा।
नोटबंदी से जूझ रहे लोगोें की खीझ के बीच कुछ कहानियां ऐसी भी हंै जो मन को बड़ा सुकून तथा प्रसन्नता देती हैं। ऐसा ही एक वाक्या है लखनऊ के भोला खेड़ा के उमाशंकर की बेटी की शादी का। गेस्ट हाउस के मालिक द्वारा नकद में भुगतान करने की जिद्द के कारण यह शादी मुश्किल में पड़ गयी थी। कृष्णानगर पुलिस और मीडिया की वजह से खुशी के वातावरण में यह शादी संभव हो सकी। पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ मुसीबत में फंसे लड़की के पिता की मदद की बल्कि शादी में वर-वघू को आशीर्वाद भी दिया। उमाशंकर की खुशियों का सनी नहीं था। वह मिठाई का डिब्बा लेकर कृष्णानगर कोतवाली पहुंचे। बन्धुओं, यह वाक्या इस पंक्ति को गुनगुनाने के लिए प्रेरित करता है – जब दर्द तथा संवेदना नहीं थी सीने में, तब खाक मजा था जीने में। लखनऊ के रहीमाबाद के जिन्दौर गांव में दो दिन पहले नोट बंद होने से एक बेटी के मां-बाप परेशान थे कि आखिर कैसे होगी बेटी की शादी। संकट की इस घड़ी में ग्रामीणों ने एकजुट होकर पूरी बारात के खर्च अपने कंधों पर उठा लिया। ग्रामीणों की खातिरदारी से बाराती भी काफी खुश हुए। गांव में सुबह से ही गांववासियों द्वारा बारात आने का इंतजार हो रहा था। गांव के सारे लोग बारात का स्वागत करने के लिए तैयार थे। ऐसा लग रहा था कि जैसे पूरे गांव की बेटी की शादी है। वही दूसरी ओर लखनऊ के गोमतीनगर निवासी अनामिका की चार दिन बाद शादी होने वाली थी। लेकिन पुरानी नोट बंद होने से सारी तैयारी बंद हो गयी। घर के सारे लोग पैसों का इंतजाम करने के लिए जुट गये। अनामिका भी रूपये निकालने के लिए लाइन में लगी। उन्होंने नोट बंदी के निर्णय को साहसिक बताया।
पुराने नोट लेकर पहुंचने वाले मरीजों को जहां कई डाॅक्टर लौटा रहे हैं वहीं शहर के ही लखनऊ के डाॅ. उमंग खन्ना ऐसे मरीजों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं। दवा तक का पैसा भी मरीजों से नहीं ले रहे हैं। जरूरत इस वक्त ऐसे ही लोगों की है जो दूसरों की तकलीफ को समझें। जो भी लोग इस हैसियत में हैं कि परेशानी के इस वक्त में किसी की मदद कर सकें, उन्हें निस्वार्थ भाव से ऐसा करना चाहिए। बैंक व एटीएम में रूपयों की कमी के कारण काफी लोग संकट में हैं। ऐसे मददगार निश्चित तौर पर असली देशभक्त हैं। काला धन रखने वालों को देश का देश भक्ति से भरे जज्बे का वातावरण यह सोचने पर मजबूर कर रहा होगा कि भ्रष्ट होकर उन्होंने क्या पाया तथा क्या खोया? बन्धु, समाज विरोधी रास्तों पर चलने वालों से हमारी अपील है कि अपनी आत्मा को मारकर जीना भी कोई जीना है। बन्धु, भ्रष्टाचार का रास्ता तथा पिंजड़ा तोड़कर समाज में वापिस लौट आये। आज मानवता तथा वतन की मिट्टी की यही पुकार है। मानव सेवा के लिए ईमानदारी से अपनी नौकरी या व्यवसाय करने की मिठास गुँगे के गुड़ खाने के समान है। जिसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। मोदी जी आप अपने प्रत्येक कदम के द्वारा देश हित के संकल्प के साथ निरन्तर बढ़ाते रहिएगा। एक अरब पच्चीस करोड़ के अब हर भारतीय की चाहत है कि बेनामी जमीन खरीदने वालों, देशी-विदेशी बैंकों के लाॅकर्स में करेंसी नोट और सोना बंद कर रखने वालों, अनाजों का अवैध भंडारण करने वालों, मिलावट करने वालों के खिलाफ जो वादा आप कर रहे हैं उसे हम सब भारतीय मिलकर पूरा करेंगे। अब जिन्दगी का हर कदम एक नई जंग है। जीत जायेंगे हम यदि मोदी जी जैसा सच्चा तथा साहसी इंसान हमारे संग है। अब एक अरब पच्चीस करोड़ लोगों का रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, चिकित्सा जैसी बुनियादी आवश्यकताओं का सपना साकार होगा। हर कर्म अपना करेंगे ये वतन तेरे लिए, दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए। विश्व गुरू भारत ही सारे विश्व में शान्ति तथा एकता स्थापित करेगा।