लखनऊ: देश में 1000-500 के नोट बंदी के बाद एक तरफ जहां मोदी सरकार अपनी पीठ थपथपा रही हैं. तो दूसरी तरफ विरोधियों को बीजेपी सकरार का यह फैसला फूटी आंख नहीं सुहा रहा हैं. कोई पीएम मोदी की इस फैसले को उनके राजनीतिक साजिश करार दे रहा हैं. तो कोई इसे मोदी का चुनावी स्टंट कह रहा है. आपको बता दें कि मोदी के नोटबंदी के इस बड़े फैसले का अगर कोई नेता सबसे ज्यादा खुलकर विरोध कर रहा है तो वो हैं बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया और राज्यसभा सांसद मायावती. जो मोदी के नोट बंदी के फैसले के बाद कई बार प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर उनपर हमला बोल चुकी हैं. ऐसा ही कुछ उन्होंने बीते समोवार को भी किया.
उन्होंने अपने कल एक प्रेस कांफ्रेस के जरिये बीजेपी और मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए.
उन्होंने पीएम के गाजीपुर रैली को लेकर कहा, ‘गाजीपुर में पीएम मोदी की रैली फ्लॉप रही, रैली में ज्यादातर लोग बिहार से पहुंचे थे. लोगों को 250-250 रुपए देकर लाया गया. लोगों को लाने को गाड़ियां फ्री कर दीं. रैली करने के लिए कालेधन का प्रयोग किया और ट्रेन का भी बीजेपी ने राजनीतिकरण किया. पूरी ताकत लगाकर भी 20 हजार ही जमा हुए. पूरी ताकत लगा दी फिर भी रैली फ्लाप हुई. क्या पीएम मोदी इसका जवाब देंगे कि भ्रष्टाचार रोकने में पीएम कितना अमल करते हैं?’
उन्होंने यह भी कहा, ‘पीएम ने भाषण में गलत बातों का प्रचार किया. भ्रष्टाचार से मुक्ती चाहती है. भ्रष्टाचार के चलते ही कांग्रेस की सत्ता गई. कालेधन को बीजेपी ने सफेद करा दिया. नोटों पर पाबंदी से लोगों को मुसीबत में डाला, बुजुर्गों, महिलाओं को पीएम ने कड़ी सजा दी. पीएम घोषणाओं से जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं. फैसले लेने मे इतनी जल्दबाजी की क्या जरूरत थी. 10 महीने से तैयारी चल रही थी तो बुरा हाल क्यों हैं. एटीएम मशीने खराब,बैंकों में पैसा नहीं मिल रहा है. बैंकों में पैसा अभी तक आया ही नहीं. देश में अफरा-तफरी का माहौल है. पहले भी बीजेपी ने किसान विरोधी फैसला लिया.”