नौकरियाेें की भरमार के लिए मोदी सरकार ने बदली स्टार्टअप की परिभाषा
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क्यों बदलनी पड़ी परिभाषा
स्टार्टअप सरकार की प्राथमिकता सूची में है. इससे इनोवेशन को बढ़ावा मिलता है और रोजगार के नए अवसर निकलकर सामने आते हैं. चूंकि जॉब क्रिएशन के फ्रंट पर सरकारी प्रयास लगातार नाकाफी साबित हो रहे हैं, ऐसे में स्टार्टअप को बढ़ावा देना उसके लिए जरूरी हो गया था. वैसे स्टार्टअप इंडिया स्कीम भी कुल मिलाकर फ्लॉप शॉ ही साबित हुई है, ऐसे में सरकार के लिए इसमें तब्दीली करना जरूरी भी गया था.
किसे होगा फायदा
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टर्नओवर की क्या है सीमा
ऐसी कंपनी को स्टार्टअप माना जाता है जिसका सालाना कारोबार 25 करोड़ रुपए से कम हो. स्टार्टअप के लिए डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रोमोशन प्रस्ताव तैयार करता है. इसके लिए संबंधित मंत्रालयों से सलाह-मशविरा किया जाता है.
किस तरह के लाभ मिलते हैं
लेकिन इसकी शर्तें इतनी कठोर हैं कि पहले साल सिर्फ 142 आवेदन आए और उनमें भी महज 10 को टैक्स छूट का फायदा मिला। अब सरकार पॉलिसी में ढील देकर इसमें और तेजी लाना चाहती है.