रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा किए गए अलग-अलग सर्वे में दावा किया गया है कि मोदी सरकार के राज में नौकरियों की काफी कमी हो गई है, जिसके चलते बेरोजगार युवक-युवतियों को जॉब नहीं मिल रही हैं। इससे लोगों के मन में सरकार के प्रति नाखुशी है। सर्वे में कहा गया है कि इन तीन सालों में सरकार के दावे के बावजूद इनकम में किसी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। आरबीआई के सर्वे में जून 2012 से 2017 तक का डाटा लिया गया है, जिसके अनुसार लोगों की सैलरी जितनी 2013 में थी, उसमें ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। आरबीआई ने बंगलूरू, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और दिल्ली में किया था।
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जनवरी 2017 में थी 408.4 मिलियन लोगों के पास नौकरी
सीएमआईई द्वारा किए गए एक अन्य सर्वे के अनुसार जनवरी 2017 में देश के 408.4 मिलियन लोगों के पास जॉब थी। वहीं बेरोजगार लोगों की संख्या 25.9 मिलियन थी। वहीं जुलाई 2017 में नौकरी पाए लोगों की संख्या घटकर के 405.4 मिलियन रह गई। इसके चलते बेरोजगारों की संख्या भी 13.7 मिलियन बढ़ गई। ये संख्या यूपी, बिहार, झारखंड और ओडिशा राज्यों में सबसे ज्यादा है।
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बिजनेस करने पर दे रहे हैं जोर
सर्वे के अनुसार देश के ज्यादातर युवाओं का रूझान अपना बिजनेस शुरू करने पर हो गया है।