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नई दिल्ली : हिंद महासागर में भारत ने पचास जंगी पोत 5 हजार वर्ग मील के दायरे में तैनात किए हुए हैं। हिंद महासागर में वर्चस्व को लेकर भारत और चीन के बीच चल रही रस्साकशी ने मंगलवार को एक रोचक मोड़ ले लिया। भारतीय नौसेना ने समुद्र के चप्पे-चप्पे पर अपनी मौजूदगी का नूमना पेश करते हुए एक खास अंदाज में चीन की नौसेना का स्वागत कर उसे चौंका भी दिया और आगाह भी कर दिया। दरअसल, मंगलवार को चीन का एक बेड़ा जैसे ही अम्बई वतार समुद्री इलाके में पहुंचा, भारतीय नौसेना ने ‘आपका स्वागत है’ कहकर उसे हैरत में डाल दिया। चीन की नेवी के तीन जंगी जहाजों ने इंडोनेशिया के सुदूरवर्ती अम्बई वतार जलडमरुमध्य (समुद्री गलियारा) से हिंद महासागर में प्रवेश किया। इनमें जांगकेई क्लास के दो मिसाइल कॉर्वेट युद्धपोत थे, जबकि एक टैंकर साजोसामान के साथ उनके साथ चल रहा था। ये बेड़ा जैसे ही हिंद महासागर में पहुंचा, वहां मौजूद भारतीय नौसेना के दो पोतों ने ‘वेल्कम टू इंडियन ओशन’ का स्वागत संदेश दिया। इस संदेश ने चीनी बेड़े के कमांडर को चौंका दिया। नौसेना ने कुछ वक्त एक और संदेश दिया। अपने संदेश में कहा—‘हैप्पी हंटिंग’.. मैरीटाइम… दरअसल पीएलए नेवी की 29 वीं एंटी पायरेसी एस्कॉर्ट्स फोर्स के ये जहाज हिंद महासागर को पार करते हुए अदन की खाड़ी की ओर बढ़ रहे थे। इंटरनेशनल वाटर के नियमों के मुताबिक, आवागमन की आजादी के तहत एक देश, दूसरे देश के जहाजों को गुजरने से नहीं रोक सकता। अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में किसी नौसैनिक जहाज को इंटरसेप्ट भी नहीं किया जा सकता। ऐसे में भारतीय नौसेना ने इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का यह नया अंदाज निकाला और ‘स्वागत’ की मुद्रा में आगाह किया कि इंडियन नेवी उन पर निगाह रखे हुए है। ऐसी ही घटना दक्षिणी चीन सागर में जुलाई 2011 में भारतीय जंगी पोत आईएनएस ऐरावत के साथ हुई थी। यह पोत उस वक्त वियतनाम के तट के पास था। जब आईएनएस ऐरावत ने वियतनामी बंदरगाह से हाई फोंग की ओर बढ़ना शुरू किया तो चीनी नौसेना के एक अधिकारी ने ओपन रेडियो पर कहा था—‘यू आर एंटरिंग इन चाइनीज वॉटर्स’’।