लखनऊ : सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत जनपद सम्भल निवासी साद उस्मानी ने 20.10.2016 को जनसूचना अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सम्भल को आवेदन-पत्र देकर जानकारी चाही थी कि डाॅ. पवन सिंह को झोलाछाप चिकित्सकों के विरूद्ध कार्यवाही करने का अतिरिक्त प्रभार किस दिनांक को सौंपा गया तथा इनके द्वारा कब-कब झोलाछाप चिकित्सकों के विरूद्ध अभियान चलाया गया और झोलाछाप चिकित्सों के विरूद्ध नियम के तहत अब तक क्या कार्यवाही की गयी है, आदि से सम्बन्धित बिन्दुओं की प्रमाणित छायाप्रतियां उपलब्ध करायी जाये, परन्तु विभाग द्वारा वादी को कोई जानकारी नहीं दी गई। अधिनियम के तहत सूचनाएं प्राप्त न होने पर वादी ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर प्रकरण की जानकारी चाही है।
वहीँ राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने जनसूचना अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सम्भल को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की बिन्दुवार सभी सूचनाएं अगले 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से वादी को उपलब्ध कराते हुए आयोग को अवगत कराएं, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये, परन्तु प्रतिवादी ने न तो वादी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की सूचना वादी को उपलब्ध करायी है, और न ही आयोग के समक्ष उपस्थित हुए हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिवादी जानबूझकर वादी को सूचना उपलब्घ नहीं करना चाहता है। इसलिए प्रतिवादी जनसूचना अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सम्भल को वादी को सूचना उपलब्ध न कराने का दोषी मानते हुए, उनके विरूद्ध आज की तिथि से 250 रुपए प्रतिदिन का अर्थदण्ड अधिरोपित किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा 25 हज़ार रुपए है।
दूसरी तरफ संभल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अनीता सिंह ने बताया कि जनपद के तीनों तहसील गुन्नौर, चन्दौसी एवं सम्भल में 9 झोलाछाप चिकित्सकों के विरूद्ध इंडियन मेडीकल कौंसिल एक्ट व अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत (एफआईआर) प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है, जिनके नाम इस प्रकार है, डाॅ. इन्तजार अहमद, डाॅ. मिथुर सरकार, डाॅ. हरी प्रकाश आर्य, डाॅ. कल्यान, डाॅ. सुबराती खान, डाॅ. पिन्टु बंगाली, डाॅ. रमन भारती, डाॅ. मधु सरन बंगली,डाॅ. मुशाहिद एवं डाॅ. भूरा खान और उनकी अवैध संचालित क्लीनिक को भी बन्द करा दिया गया है, इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने आयोग को दी।