वाराणसी : लोकजनशक्ति पार्टी के मुखिया और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि न्यायपालिका व निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने के लिए उनकी पार्टी केन्द्र सरकार पर दबाव बनायेगी। सोमवार को आयोजित दलित महापंचायत में पासवान ने दलितों के अधिकार के लिए पांच प्रस्ताव पारित किए और लोगों से इसके लिए हाथ उठाकर समर्थन मांगा। प्रदेश के विभिन्न जिलों से पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से कहा कि लोकसभा चुनाव में राजग ने भ्रष्टाचार, महंगाई खत्म करने के वादे किए थे। बीते 10 माह में केन्द्र सरकार ने मंत्रालयों में भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म कर दिया। महंगाई पर काबू पाया और डीजल-पेट्रोल का दाम कम कर दिया। किसानों के हित में भी केन्द्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने मायावती, मुलायम, लालू, नीतीश आदि पर जमकर हमला बोला और कहा कि जाति के नाम पर राजनीति करने का समय लद गया है। अब दलित समाज जागरूक हो चुका है और उसे पता है कि उसके अधिकारों की लड़ाई व विकास कौन कर सकता है।
नदेसर स्थित कटिंग मेमोरियल स्कूल के मैदान में आयोजित महापंचायत में यूपी व बिहार सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पिछली सरकार दलितों की जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए जारी होने वाली राशि में 32 प्रतिशत का अंशदान देती रही है लेकिन मोदी सरकार ने अब उसे बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया है। बावजूद इसके दोनों राज्य सरकारें दलितों के धन को दूसरे कामों में लगा रही हैं। उन्होंने कहा है कि आजादी के बाद से देश में दलितों के नाम पर जातीय राजनीति की गई। जब भी चुनाव आया वोट के लिए दलितों का उपयोग किया गया। समय आ गया है जब दलित अपने अधिकारों के प्रति संघर्ष करें। पासवान ने प्रमोशन में आरक्षण के लिए कांग्रेस के साथ मुलायम सिंह यादव को दोषी ठहराया और आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीति ठीक नहीं थी और मुलायम सिंह, शरद व नीतीश कुमार ने संसद में विरोध किया। वरना देश के लाखों दलितों को इसका लाभ मिल गया होता। महापंचायत में रामविलास पासवान के बेटे सांसद चिराग पासवान, सांसद रामचन्द्र पासवान, अब्दुल खालिद, डॉ. सत्यानन्द शर्मा, कालीचरण पाण्डेय, कुंवर असीम खान, अशरफ अंसारी, रामजी सिंह, ललित नारायण चौधरी, डा. योगेश पाण्डेय आदि ने भी विचार व्यक्त किए।