चंडीगढ़ : पिछले 41 साल से चतुर्थ श्रेणी कर्मी के तौर पर सेवा दे रही 88 वर्षीय महिला की सेवाओं को नियमित किए जाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि उक्त महिला की नौकरी पक्की की जाए। हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, यही कारण है कि इस उम्र में भी वह नौकरी कर रही है। वह अपनी सेवाएं नियमित तौर पर देती आ रही हैं और उनका रिकॉर्ड भी काफी अच्छा है। स्कूल में इस पद पर काम करने वाले व्यक्ति की जरूरत भी है। ऐसे में हालात को देखते हुए हाईकोर्ट ने तीन माह के भीतर महिला को रेगुलर करने के आदेश जारी किए हैं। दरअसल, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का यह फैसला अहम है क्योंकि जिस उम्र में महिला की सेवाओं को नियमित करने का आदेश दिया गया है, उससे कहीं पहले वह रिटायरमेंट की आयु पार कर चुकी हैं। गौरतलब है कि याचिका दाखिल करते हुए महिला ने सेवाओं को नियमित किए जाने की मांग की थी। याची ने पंजाब सरकार की 2010 की पॉलिसी के तहत रेगुलर किए जाने की अपील की थी। महिला की ओर से एडवोकेट चरणपाल सिंह बागड़ी ने हाईकोर्ट को बताया कि महिला का जन्म 1 जनवरी 1930 को हुआ था। इसके बाद 1 अक्टूबर 1977 को उन्होंने संगरूर के एक स्कूल में कुहार के तौर पर सेवा देना आरंभ किया था। उनकी सेवा तब से लगातार जारी हैं और अभी भी वह नौकरी कर रही हैं। इसके बाद नियुक्त हुए कई लोगों को रेगुलर किया जा चुका है लेकिन याची को नियमित नहीं किया गया।