न्याय के क्षेत्र में नारी शक्ति से बड़ी उम्मीदें
(एजेंसी)। इस पुरूष प्रधान समाज में नारियों के उत्प़ीड़न की कहानियां तो बहुत लिखी जा चुकी हैं, अब समय आ गया है कि नारी शक्ति पर लिखा जाए। दरअसल उच्च न्यायपालिका में अब महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, जो अपने आप में शुभ संकेत माने जा सकते हैं। देश में पहली बार चारों बड़े और पुराने उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी पर महिलाएं आसीन हुईं हैं।
इनमें बॉम्बे, मद्रास, कलकत्ता और दिल्ली हाई कोर्ट शामिल है जहां चीफ जस्टिस महिलाएं हैं। मद्रास हाईकोर्ट में इंदिरा बनर्जी मुख्य न्यायाधीश हैं तो 6 अन्य महिला जज भी हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट में मंजुला चेल्लूर मुख्य न्यायाधीश हैं, वहीं नंबर दो पर जस्टिस वीएम ताहिलरामनी हैं। इनके साथ ही यहां कुल 11 महिला जज हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस जी रोहणी पहले से हैं। यहां 9 अन्य महिला जज हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश निषिता निर्मल माहत्रे हैं। इनके अतिरिक्त 4 महिला जज और हैं। इस प्रकार इन महिला जजों से समाज को खासी उम्मीदें और इनसे आगे बढ़ने वाली नारियों को भी ताकत मिलती ही है।