नौकरी के लिए इधर-उधर भटकने के बजाय बागेश्वर के भूपाल सिंह ने नई पहल शुरू की है। उन्होंने गांव में ही न्यूजीलैंड के प्रसिद्ध फल कीवीं का उत्पादन शुरू किया है।
बागेश्वर: यदि दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कुछ भी असंभव नही है। प्रकृति भी उसका साथ देती है। तहसील के मुझारचौरा गांव निवासी काश्तकार भूपाल सिंह ने कर दिखाया है। मेहनत और हौसले से भूपाल ने न्यूजीलैड के फल कीवी का उत्पादन गरुड़ क्षेत्र मे किया है।
मैदानी क्षेत्रों में नौकरी के लिए इधर-उधर भटकने के बजाय भूपाल ने घर में ही मेहनत कर कुछ करने की ठानी। इसके बाद दो वर्ष पूर्व प्रयोग के तौर पर उन्होंने खेत में कीवी के चार पौधे रोपे। खाद और पानी की निरंतर व्यवस्था की।
भूपाल बताते है कि खेत में कीवी का उत्पादन होने के बाद उन्होंने इसे अपनी आय का जरिया बनाने की सोची और इसे दस नाली खेत मे कीवी के पौधे रोपे। आज भूपाल सिंह इसकी खेती करके प्रतिवर्ष सैकड़ो क्विंटल फल बाजार मे बेच रहे है।
साथ ही इस कार्य मे स्थानीय युवाओ को रखकर खेती करने का मंत्र दे रहे है। उनका मानना है कि इससे यहां की बेरोजगारी काफी हद तक कम की जा सकती है।
डेगू रोग में फायदेमंद कीवी
डेगू के मरीजों के लिए कीवी काफी फायदेमंद है। चिकित्सक सीएस कांडपाल के अनुसार कीवी में विटामिन्स समेत प्रोटीन, फाइबर पाया जाता है। इसके कारण यह एंटीऑक्सिडेट से युक्त है। प्लेटलेट बढ़ाने की क्षमता होने की वजह से यह डेगू रोग में बेहद फायदेमंद होता है।
बंदर बने ग्रहण
भूपाल सिंह की मेहनत पर बंदर पानी फेर रहे है। भूपाल का कहना है कि बंदरो द्वारा प्रतिवर्ष हजारो रुपये का नुकसान पहुंचा रहे है। सरकार ने भी जनता के साथ धोखा किया तथा बंदरों से निजात दिलाने के लिए कोई कार्य नही किया।