ज्ञान भंडार
पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व CM पटवा, अंतिम संस्कार में पहुंचे आडवाणी सहित कई नेता


– सु्ंदरलाल पटवा का पार्थिव शरीर एयर बस से गुरुवार सुबह नीमच जिले में उनके पैतृक गांव कुकड़ेश्वर लाया गया।
– पार्थिव देह के साथ शिवराज सिंह चौहान, नरेन्द्र सिंह तोमर, सुंदरलाल पटवा के भतीजे और पर्यटन मंत्री सुरेन्द्र पटवा पहुंचे।
– अंतिम यात्रा में लालकृष्ण आडवाणी, वेंकैया नायडू, उमा भारती, शिवराज सिंह चौहान अौर रमनसिंह समेत कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए।
– पटवा के अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी और कांग्रेस के 100 से ज्यादा विधायक भी कुकड़ेश्वर पहुंचे।
– सुंदरलाल पटवा का 92 साल की उम्र में बुधवार को निधन हो गया था।
पार्थिव देह पटवा एकेडमी में रखी गई अंतिम दर्शन को
– नीमच में हवाई पट्टी के पास पटवा एकेडमी में पार्थिक शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
– पार्थिव देह को यहां से बाय रोड मनासा होते हुए पैतृक गांव कुकड़ेश्वर ले जाया गया।
– यहां अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान पर रखा गया।
– पार्थिव देह को यहां से बाय रोड मनासा होते हुए पैतृक गांव कुकड़ेश्वर ले जाया गया।
– यहां अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान पर रखा गया।
– दोपहर 2 बजे उनका अंतिम संस्कार खेत में किया गया
ऐसा रहा पटवा का सफर
– सुंदरलाल पटवा का जन्म 11 नवंबर 1924 को नीमच जिले के कुकड़ेश्वर में श्वेतांबर जैन मन्नालाल-भूरीदेवी पटवा के यहां हुआ था।
– सुंदरलाल पटवा की शुरुआती पढ़ाई कुकड़ेश्वर और रामपुरा में हुई। इंटरमीडिएट करने के बाद उनकी शादी हो गई।
– 1942 से 51 तक उन्होंने राष्ट्रीय सेवक संघ के कार्यकर्ता और विस्तारक के रूप में काम किया।
– 1948 में आरएसएस पर बैन लगने के बाद 6 महीने जेल में रहे। 1951 से जनसंघ के फाउंडर मेंबर रहे और जनसंघ में रहकर काम किया।
– 1980 में जनसंघ से भाजपा बनी और पटवा उसके भी फाउंडर मेंबर रहे।
ऐसा रहा पटवा का सफर
– सुंदरलाल पटवा का जन्म 11 नवंबर 1924 को नीमच जिले के कुकड़ेश्वर में श्वेतांबर जैन मन्नालाल-भूरीदेवी पटवा के यहां हुआ था।
– सुंदरलाल पटवा की शुरुआती पढ़ाई कुकड़ेश्वर और रामपुरा में हुई। इंटरमीडिएट करने के बाद उनकी शादी हो गई।
– 1942 से 51 तक उन्होंने राष्ट्रीय सेवक संघ के कार्यकर्ता और विस्तारक के रूप में काम किया।
– 1948 में आरएसएस पर बैन लगने के बाद 6 महीने जेल में रहे। 1951 से जनसंघ के फाउंडर मेंबर रहे और जनसंघ में रहकर काम किया।
– 1980 में जनसंघ से भाजपा बनी और पटवा उसके भी फाउंडर मेंबर रहे।
– 1957 में मनासा विधानसभा से चुनाव लड़ा। 1962 मनासा, 1977 मंदसौर, 1980 सीहोर, 1985, 1990,1993 और1998 में भोजपुर से विधायक रहे।
– 1997 से 1998 तक छिंदवाड़ा से सांसद रहे और 1999 से 2004 होशंगाबाद से। भाजपा में राष्ट्रीय पदों पर रहे।
दो बार बने सीएम
– सुंदरलाल पटवा 20 जनवरी 1980 से 17 फरवरी 1980 तक और 5 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक प्रदेश के सीएम रहे।
– 1997 से 1998 तक छिंदवाड़ा से सांसद रहे और 1999 से 2004 होशंगाबाद से। भाजपा में राष्ट्रीय पदों पर रहे।
दो बार बने सीएम
– सुंदरलाल पटवा 20 जनवरी 1980 से 17 फरवरी 1980 तक और 5 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक प्रदेश के सीएम रहे।
– 1999 से 2001 तक केंद्रीय पंचायत एंड रूरल डेवलपमेंट मिनिस्टर रहे।
– उन्होंने पैदल यात्राएं भी कीं। 1984 में जगदलपुर से झाबुआ तक 2200 किलोमीटर की पैदल यात्रा और 1994 में राजगढ़ जिले के गांवों की पैदल यात्रा काफी चर्चा में रही।