देहरादून । हरिद्वार को छोड़ प्रदेश के अन्य जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शुक्रवार को हुए द्वितीय चरण में पिछली बार के मुकाबले मतदान का प्रतिशत 0.82 फीसद अधिक रहा। इस बार द्वितीय चरण में 1450364 मतदाताओं में 70.58 फीसद ने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि पिछले चुनाव में यह आंकड़ा 69.76 फीसद रहा था। इस बार मतदान के बढ़े प्रतिशत से प्रत्याशी राहत महसूस कर रहे हैं।
पंचायत चुनाव के द्वितीय चरण में शुक्रवार को 31 विकासखंडों की 2605 ग्राम पंचायतों में वोट डाले गए। इस बार वोटरों का उत्साह देखते ही बनता था और इसकी परिणति द्वितीय चरण में बढ़े मतदान प्रतिशत के रूप में सामने आई। बता दें कि पांच अक्टूबर को हुए पंचायत चुनाव के पहले चरण में 30 विकासखंडों की 2464 ग्राम पंचायतों में 69.27 लोगों ने वोट डाले थे, जो पिछले चुनाव के प्रथम चरण के मुकाबले 0.43 फीसद कम था। स्ट्रांग रूम में जमा हुई मतपेटियां
शुक्रवार को द्वितीय चरण का मतदान संपन्न होने के बाद सभी पोलिंग पार्टियों ने मतपेटियां विकासखंड मुख्यालयों में बने स्ट्रांग रूम में जमा करा दी हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव रोशनलाल के मुताबिक शनिवार शाम चार बजे तक सभी मतपेटियां जमा हो गई थीं।
माथापच्ची में जुटे रहे प्रत्याशी
पंचायत चुनाव के द्वितीय चरण का मतदान संपन्न होने के बाद इसमें किस्मत आजमा रहे 12094 प्रत्याशी शनिवार को माथापच्ची में जुटे रहे। दिनभर ही मतदान को लेकर गुणा-भाग चलता रहा। सबके जीत को लेकर अपने-अपने दावे और तर्क थे।
11167 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला बाकी
पंचायत चुनाव के तृतीय और अंतिम चरण में 11167 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है। तृतीय चरण में 16 अक्टूबर को 2416 ग्राम पंचायतों में वोट डाले जाएंगे। मतगणना 21 अक्टूबर से शुरू होनी है।
समय पर सूचनाएं मिलना चुनौती
सूचना क्रांति के इस दौर में पंचायत चुनाव के मतदान को लेकर सूचना वक्त पर राज्य निर्वाचन आयोग तक नहीं पहुंच पा रही हैं। हालांकि, पहले चरण की अपेक्षा द्वितीय चरण में कुछ सुधार हुआ, मगर अभी सिस्टम को और मजबूत करने की जरूरत है। द्वितीय चरण के मतदान से संबंधित सूचनाएं तो 11 जिलों से रात साढ़े 10 बजे तक आयोग को मिल गई थीं, मगर देहरादून जिले की सूचना रात साढ़े 12 बजे के करीब आयोग को मिल पाई। वह भी तब जबकि, देहरादून के मैदानी क्षेत्र के विकासखंडों में द्वितीय चरण में मतदान हुआ। ऐसे में ये सवाल तैरने लगा है कि अंतिम चरण में सभी जिलों के दूरस्थ क्षेत्रों में मतदान की सूचनाएं वक्त पर कैसे मिलेंगी। हालांकि, आयोग की ओर से इस बारे में फिर से जिलों को आगाह किया जा रहा है।