नई दिल्ली: देश में कम होती कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच संक्रमण का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस नई परेशानी की सबब बनता जा रहा है। इस क्रम में अब उत्तरी राज्य पंजाब में भी ऐसा पहला केस दर्ज किया गया है। कई अन्य सैंपल भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं। इसके साथ ही अब तक नौ राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में इस संक्रमण के इस स्वरूप की उपस्थिति दर्ज की जा चुकी है।
मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 7 केस
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक सात केस सामने आए हैं। इनमें भोपाल में तीन, उज्जैन में दो एवं रायसेन व अशोक नगर से एक-एक केस शामिल हैं। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के अनुसार राज्य में अभी इस वैरिएंट से एक मौत दर्ज की गई है। अन्य जितने केस आए हैं, उनपर सरकार की नजर है।
भोपाल में लगाई जाएगी जीनोम सीक्वेंसिंग की मशीन
इस बीच एमपी सरकार ने तय किया है कि जल्द ही भोपाल में जीनोम सीक्वेंसिंग की मशीन लगाई जाएगी। दरअसल, अब तक मध्य प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की व्यवस्था नहीं है, लिहाजा जांच के लिए सैंपल दिल्ली या पुणे भेजे जा रहे हैं। विश्वास सारंग के अनुसार मध्य प्रदेश से जितने भी सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए बाहर भेजे गए हैं, उनकी रिपोर्ट आने में 20 दिन से ज्यादा का समय लग रहा है। राज्य में यह सुविधा उपलब्ध कराए जाने से रिपोर्ट हफ्तेभर के अंदर मिल जाएगी।
रत्नागिरी जिले के चार गांव बनाए गए कंटेनमेंट जोन
महाराष्ट्र में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक 12 केस मिल चुके हैं। अकेले रत्नागिरी जिले में ही कुल नौ मामले दर्ज किए गए हैं, हालांकि ये सभी केस बिना लक्षण वाले हैं। रत्नागिरी के जिला कलेक्टर लक्ष्मी नारायण मिश्रा ने बताया कि जिले की संगमेश्वर तहसील में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के केस सामने आए हैं। इसे देखते हुए चार गांवों को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। इन गांवों में कुल छह हजार आरटी-पीसीआर टेस्ट कराए गए, जिनमें 141 लोग पॉजिटिव निकले। इनमें से नौ केस डेल्टा प्लस वैरिएंट के हैं।