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पच्चीस लाख के लिए बैंक प्रबंधक के 11 वर्षीय बेटे की हत्या

18_06_2016-ashu-18बैंक प्रबंधक के बेटे की अपहर्ताओं ने पहचान के डर से गला दबाकर हत्या कर दी। शव को एक पुलिया के नीचे पेट्रोल डाल फूंक दिया और अवशेष सेंगुर नदी में फेंक आये।

लखनऊ। कानपुर के नौबस्ता में बैंक प्रबंधक के बेटे की अपहर्ताओं ने पहचान के डर से गला दबाकर हत्या कर दी। शव को एक पुलिया के नीचे पेट्रोल डाल फूंक दिया और अवशेष सेंगुर नदी में फेंक आये। पुलिस ने इस मामले में अपहृत के मौसा के भाई व उसकी पत्नी समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने फिरौती के लिए अपहरण व पहचाने जाने के डर से हत्या की बात स्वीकार की है। इकलौते बेटे की हत्या के बाद मां-बाप का बुरा हाल है।

किदवईनगर वाई-ब्लाक निवासी बैंक मैनेजर धर्मपाल के 11 वर्षीय बेटे आशुतोष का आठ जून को कोचिंग के बाहर से अपहरण हो गया था। शुक्रवार तड़के अपहरण से जुड़े सुबूतों व तथ्यों के आधार पर फोर्स ने ‘आपरेशन आशुतोष’ के तहत अकबरपुर निवासी आशुतोष के बीएसएफ में तैनात मौसा सिद्धार्थ के भाई प्रकाश के घर पर दबिश दी। जहां प्रकाश से कड़ाई से पूछताछ में पता चला कि उसने साथियों संग मिलकर आशुतोष का कोचिंग सेंटर के बाहर से कार से अपहरण कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।

अपहरण करने के बाद आशुतोष को प्रकाश अकबरपुर कोतवाली के पास स्थित घर में रखा और दूसरे दिन गौरिया गांव निवासी प्रेमिका की मां सुनीता के घर रखा। इसबीच इन लोगों ने पांच बार फिरौती के लिए फोन किया। पुलिस की सक्रियता, आशुतोष के बारबार घर पहुंचाने की जिद और उसे रखने का कोई ठिकाना न मिलने पर चलती कार में 10 जून को सुबह गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद कानपुर देहात के बलाई-थनवापुर मार्ग पर पडऩे वाली दूसरी पुलिया के नीचे शव को लेकर जाकर पेट्रोल डालकर फूंक दिया।

पुलिस टीम ने प्रकाश की निशान देही पर उसके दोस्त शेरा, विशाल के साथ पूरे घटना क्रम में उसका साथ देने वाली पत्नी रौनक और आशुतोष को एक दिन तक घर में रखने वाली सुनीता को गिरफ्तार कर लिया। सुनीता प्रकाश की महिला मित्र की मां थी। जिसे रुपये का लालच देकर आशुतोष की पकड़ करने के बाद उसके घर में रखा गया था। वहीं मोबाइल व प्री एक्टिव सिम देने बेंचने वाले सर्वेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से अपहरण में प्रयुक्त कार व बाइक बरामद हुई है।

 

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