पटना मेट्रो पर केंद्र सरकार की जल्द सहमति के आसार
राजधानी पटना में मेट्रो रेल के प्रस्ताव पर केन्द्र से जल्द सहमति के आसार बन रहे हैं। नगर विकास एवं आवास विभाग लगभग डेढ़ माह पहले राइट्स द्वारा तैयार क्विक एसेसमेंट स्टडी (क्यूएएस) रिपोर्ट केन्द्र को भेज चुका है।
अब केन्द्र इस रिपोर्ट की अपने तरीके से पड़ताल कर रहा है। इस बीच नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी भी मंगलवार की सुबह नई दिल्ली में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मिलकर प्रस्ताव को जल्द हरी झंडी देने का आग्रह किया।
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने क्यूएएस रिपोर्ट के साथ पटना मेट्रो रेल परियोजना की फाइल संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों- वित्त, गृह, पर्यावरण आदि को भेजा है। ये सभी इस रिपोर्ट पर अपने-अपने तरीके से पटना में मेट्रो रेल चलाए जाने की संभावनाओं का पता लगा रहे हैं।
उधर, श्री हजारी ने केन्द्रीय मंत्री से कहा कि पटना मेट्रो परियोजना सार्वजनिक हित में होगा। इसके महत्व के मद्देनजर केन्द्र डीपीआर को सैद्धांतिक सहमति दे।
उन्होंने श्री नायडू को इस बाबत ज्ञापन भी दिया। इसमें कहा गया है कि पटना मेट्रो की बाबत केन्द्र द्वारा पूछे गए तमाम सवालों का जवाब बिहार सरकार ने 6 मई, 2016 और 30 दिसम्बर, 2017 के पत्र के जरिए दे दिया है। क्यूएएस की रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है।
गत वर्ष 9 फरवरी को राज्य मंत्रिपरिषद से भी मंजूरी मिल चुकी है। लिहाजा सहमति देने में अब देर न हो। वह केन्द्रीय नगर विकास सचिव मुकुल कुमार से भी मिले।
वाहनों के दबाव का किया जा रहा अध्ययन
राइट्स द्वारा पटना में पहले चरण में जिन दो रूटों पर मेट्रो रेल चलाना है, उन पर वाहनों के दबाव के अध्ययन का काम किया गया है। उसने 65 पेज की अपनी अंतरिम रिपोर्ट नगर विकास एवं आवास विभाग को सौंपी थी।
बस यात्रियों में 61 फीसदी ने मेट्रो से यात्रा करने की इच्छा जतायी थी। मैंने कुछ शहरों के मेट्रो प्रस्ताव को अल्प समय में मंजूरी देने का मुद्दा उठाया। मैंने कहा कि अनावश्यक देरी से बिहार के साथ भेदभाव हो रहा है।