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पटना: सत्यम मर्डर केस- गुथी सुलझने के बाद भी उलझे कुछ सवाल

 

पटना। राजधानी पटना में एक डॉक्टर के बेटे की उसके दोस्तों ने ही निर्मम तरीके से हत्या कर दी। शहर के दानापुर इलाके से जब 15 साल के सत्यम की लाश मिली तो उसे देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। सत्यम के दोस्तों ने ही उसे चाकू से गोद-गोदकर मार डाला। उसके शरीर पर जख्म के कुल 24 निशान मिले। आयुष चिकित्सक के पुत्र सत्यम का अपहरण व हत्या के बाद पुलिस ने आरोपितों को तो पकड़ लिया है। हत्या की वजह को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस के खुलासे के मुताबिक सत्यम कोचिंग में पढ़ने वाली लड़की से छेड़खानी करता था। उसकी बुरी आदतों से लड़कियां परेशान रहती थीं। इसी बात को लेकर नीरज और उसके साथियों ने उसे मार दिया। पटना के रुपसपुर थाना इलाके से होम्योपैथी डॉक्टर शशिभूषण गुप्ता का 15 साल का बेटा सत्यम 27 सितंबर को कोचिंग के लिए निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। घटना के एक दिन बाद यानि 28 सितंबर को सत्यम के घर पर अपहरणकर्ताओं ने फोन किया और फोन पर ही 60 लाख रुपये की फिरौती मांगी, लेकिन इसके कुछ देर बाद ही पुलिस को सत्यम की लाश मिली। सत्यम को उसके दोस्तों ने ही पहले चाकू से गोद-गोद के मारा और फिर एक खाली पड़े जमीन में दफनाने की कोशिश की। हत्या के पहले के कुछ तथ्यों को खंगाले तो इस कहानी में झोल दिखता है। अगर मामला छेड़खानी से जुड़ा है तो सबसे बड़ा सवाल वह लड़की कौन है? क्या किसी लड़की ने कभी स्थानीय थाने में सत्यम के खिलाफ कोई आवेदन दिया है? हत्या का खुलासा होने के बाद पुलिस ने किसी लड़की से पूछताछ की है? इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है। अब सवाल यह है कि जब छेड़खानी का कोई सबूत सामने नहीं आया है तो सिर्फ हत्या के आरोपित नीरज और उसके साथियों के बयान के आधार सत्यम की हत्या की वजह छेड़खानी मान ली जाये। प्रथम दृष्टया यह गलत लगता है। अगर हत्या की दूसरी वजह रंगदारी मांगने की बात पर चर्चा करें, तो कई प्रमाण सामने हैं। गुरुवार के दिन सत्यम का अपहरण किया गया था। नीरज और उसके साथियों ने पहले उसे चाट खिलाया, फिर गांजा पिलाया और रंगदारी मांगने का प्लान बनाया। रंगदारी के लिए चार बार सत्यम के पिता के पास फोन किया गया। 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गयी। लेकिन, बाद में नीरज और उसके साथी डर गये। उन्हें लगा कि अगर रंगदारी देने के बाद सत्यम जब अपने घर पहुंचेगा तो मामला पुलिस में जरूर जायेगा। इसलिए खुद को बचाने के लिए उसकी हत्या कर दी गयी। अब सबूत की बात करें तो रंगदारी के लिए किया गया फोन और हत्या के आरोपितों का कबूलनामा मौत की असली वजह की तरफ इशारा कर रही है। पोस्टमार्टम के बाद सत्यम के परिजन बॉडी को लेकर अपने गांव मोतिहारी के चकिया चले गये हैं। वहां पर उसका दाह संस्कार किया गया है। इस घटना से परिवार के लोग टूट गये हैं। आसपास के लोग कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सत्यम और उसका परिवार छह महीने पहले यहां अपार्टमेंट में शिफ्ट हुआ था।

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