दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली: जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार की सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट में पिछले सप्ताह दूसरी बार हुई हिंसा के मामले में वकीलों की विशेष टीम को पुलिस वाले संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। वकीलों की यह टीम जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से भेजी गई थी।
इन वकीलों में से एक हरेन रावल की ओर से फिल्माए गए वीडियो में कन्हैया ने बताया है कि जब सुनवाई के लिए लाया जा रहा था तो हमला कर उसे बुरी तरह पीटा गया। उसने कहा, ‘मुझे घूंसे-पैरों से मारा गया और जमीन पर पटक दिया गया।’ देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे 28 साल के छात्र नेता ने बताया कि जिस व्यक्ति ने कोर्ट में हमला किया, पुलिस वालों ने उसे जाने दिया।वीडियो में पैनल द्वारा एक पुलिसवाले से यह पूछते हुए सुना जा सकता है, ‘आपने कोर्ट परिसर में आखिर यह हमला कैसे होने दिया? आपके आदमी हर कहीं तैनात थे? ऐसे में आप क्या कर रहे थे, सो रहे थे ? पैनल में सीनियर वकील राजीव धवन, कपिल सिब्बल, दुष्यंत दवे और हरेन रावल शामिल थे।’ पुलिस वालों से पूछा गया, ‘वह (हमलावर) कोर्ट परिसर से आखिरकार किस तरह चला गया? क्या आपके लोगों को दखल नहीं देने के निर्देश मिले थे? ‘
वीडियो में तीन एसएचओ सहित कई पुलिसवालों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जब यह सब हुआ तो वे मौजूद नहीं थे। इन पुलिसवालों से कन्हैया पर हमले के मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया था। वेसे एसएचओ सहित ये पुलिसवाले यह नहीं बता पाए कि हमले की घटना के समय कौन मौजूद था। एक पुलिस वाले ने दावा किया कि हमला कोर्ट के अंदर नहीं हुआ, बाहर हुआ। जेएनयू के एक प्रोफेसर और कुछ गवाहों ने इस दावे को चुनौती दी। पुलिस के अनुसार, कन्हैया को कोर्ट में पेश करने की योजना में अंतिम मिनट पर किए गए बदलाव के कारण भ्रम पैदा हुआ। गौरतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट मारपीट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र, दिल्ली पुलिस और तीन वकीलों को नोटिस जारी किए हैं।