नई दिल्ली: पठानकोट आतंकी हमले की अपनी जांच के सिलसिले में एनआईए पंजाब पुलिस के अधिकारी सलविंदर सिंह का आज लाई-डिटेक्टर टेस्ट हो रहा है। एनआईए के डीजी शरद यादव ने कहा कि सविंदर से पूछताछ जारी है। बेकसूर साबित होने तक सलविंदर संदिग्ध है।
इससे पूर्व एनआईए की एक विशेष अदालत ने सिंह का पोलीग्राफ यानी लाई डिटेक्टर (झूठ पकड़ने वाली मशीन) परीक्षण कराने की अनुमति दे दी थी। केंद्रीय आतंकवाद जांच एजेंसी के अधिकारियों ने सीएफएसएल विशेषज्ञों को संभावित प्रश्नों से अवगत कराया, जो उनसे पूछे जा सकते हैं।
सिंह अभी 75वीं पंजाब सशस्त्र पुलिस के सहायक कमांडेंट के पद पर तैनात हैं। सिंह ने दावा किया था कि जेएएम आतंकवादियों ने वायुसेना के पठानकोट स्थित अड्डे पर हमला करने के पहले उनका अपहरण कर लिया था। वह अपने ज्वैलर मित्र राजेश वर्मा और रसोइया मदन गोपाल के साथ यात्रा कर रहे थे जब अपहरण की कथित घटना हुई।
आतंकवादियों ने वर्मा के गले को रेत कर लगभग मार दिया था और सिंह तथा गोपाल को छोड़ दिया था। इसके बाद वे पुलिस अधिकारी की गाड़ी में भाग निकले थे। सिंह के बयानों में कथित भिन्नता को देखते हुए एजेंसी उनका पोलीग्राफ परीक्षण करा रही है। इस बीच एनआईए हमले में छह आतंकवादियों के चेहरों के संबंध में कोई स्पष्ट राय बनाने में नाकाम रही है।
एजेंसी ने वायुसेना के अड्डे तक पहुंचने के लिए आतंकवादियों द्वारा संभवत: जिस रास्ते का उपयोग किया गया, उसका खाका खींचा और लोगों से कहा था कि अगर उनके परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कोई फुटेज है तो वे उसे साझा करें। सूत्रों ने कहा कि एक नाका चौकी पर संक्षिप्त फुटेज के अलावा एनआईए को कोई अन्य ब्यौरा नहीं मिला है। हालांकि वह फुटेज भी जांच को आगे बढ़ाने में ज्यादा मददगार नहीं है।