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पठानकोट हमला: पाकिस्तान में FIR दर्ज, मसूद अजहर का नाम नहीं

103827-461910-pathankot700दस्तक टाइम्स एजेंसी/इस्लामाबाद: पाकिस्तानी अधिकारियों ने पठानकोट आतंकी मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने आज बताया कि यह प्राथमिकी हमले को लेकर सप्ताहों तक चली जांच के बाद दर्ज की गयी है। हमले के कारण भारत-पाकिस्तान विदेश सचिव स्तरीय वार्ता स्थगित कर दी गयी थी। यह प्राथमिकी कल पंजाब प्रांत के गुजरांवाला में प्रति आतंकवाद विभाग (काउंटर टेरॅरिज्म डिपार्टमेंट) में दर्ज कराई गयी है।

सीटीडी के एक अधिकारी के मुताबिक, प्राथमिकी इसलिए जरूरी थी ताकि हमले के सिलसिले में एकत्र किये गये साक्ष्य के आधार पर पुलिस और न्यायिक कार्रवाई शुरू हो सके। हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद :जेईएम: आतंकवादी समूह पर आरोप लगाया था।

भारत ने मौलाना मसूद अजहर पर हमले का मुख्य षड्यंत्रकारी होने का, उसके भाई रउफ और पांच अन्य पर हमले को अंजाम देने का आरोप लगाया है। इस हमले के सभी छह आतंकवादी मारे गये। हमले में सात भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। प्राथमिकी संख्या 06/2016 पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302, 324 और 109 एवं आतंकवादी-विरोधी कानून की धारा सात और 21/1 के तहत दर्ज की गयी है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा मुहैया करायी गयी सूचनाओं के आधार पर दर्ज की गयी रिपोर्ट में किसी का भी नाम नहीं है। डोभाल ने कहा था कि चार आतंकवादियों ने संभवत: पाकिस्तान से भारत में प्रवेश किया और दो जनवरी को वायुसेना स्टेशन पर हमला किया।

जनवरी में पाकिस्तान और भारत के विदेश सचिवों की इस्लामाबाद में होने वाली तय बैठक को हमले के कारण स्थगित करना पड़ा था। बातचीत के लिए कोई नयी तारीख निर्धारित नहीं की गयी है। प्राथमिकी में उन टेलीफोन नंबरों का भी जिक्र है जिन पर हमले के दौरान आतंकवदियों ने संपर्क किया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद, औपचारिक रूप से मुदकमा शुरू करने के लिए किसी भी आरोपी को अदालत के समक्ष पेश किया जा सकता है। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, हमले के बाद पाकिस्तान में करीब एक दर्जन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था।

बताया जाता है कि यह प्राथमिकी हमले की जांच कर रही छह-सदस्यीय विशेष टीम की सिफारिशों के आधार पर दर्ज की गयी है। पिछले महीने गुजरांवाला की सीटीडी पुलिस ने जिहादी साहित्य रखने के कारण जेईएम के तीन आतंकवादियों को आतंकवाद-निरोधक अदालत (एटीसी) के समक्ष पेश किया था। मुंदेयकी में जेईएम द्वारा संचालित एक मदरसे से सीटीडी ने संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। वर्ष 2008 में किए गए मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी गुट जमात-उद-दावा का मुख्यालय मुंदेयकी में ही है। हमले के पीछे जेईएम का हाथ के होने के भारत के दावे की जांच के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पंजाब के सीटीडी के अतिरिक्त महानिरीक्षक राय ताहिर के नेतृत्व में छह सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था।

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