नई दिल्ली : पंजाब के पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकवादी हमले के पीछे की पूरी साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की ओर से रची गई। अभी ये समझा जा रहा है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले को अंजाम दिया है। इस आतंकी हमले के दौरान सुरक्षा बलों की ओर से मार गिराए गए आतंकियों के पास से बरामद सामग्री और प्रयोग किए गए फोन कॉल्स सीधे पाकिस्तानी आतंकी संगठन का हाथ होने का सबूत दे रहे हैं। कुछ ऐसे सबूत हाथ लगे हैं, जिसे पाकिस्तान के लिए झुठलाना आसान नहीं होगा।
1. मारे गए छह आतंकियों में से एक ने पाकिस्तान के एपकॉट (EPCOT) ब्रैंड के जूते पहन रखे थे। यह ब्रैंड पाकिस्तान में काफी प्रचलित है।
2. आतंकियों की ओर से पाकिस्तान के नंबर पर किए गए फोन कॉल्स।
3. आतंकियों के पास से मिला पाकिस्तान का फोन नंबर।
4. पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर हमले से पहले और बाद में पाकिस्तान की गई फोन कॉल्स।
5. आतंकियों से बरामद हथियार भी पाकिस्तान में बने होने का दावा।
6. आतंकियों के पास मिली पाकिस्तानी बैटरी।
7. आतंकियों के घुसपैठ कर सीमापार (पाकिस्तान) से आने के सबूत।
अब इन सभी सबूतों के बारे में जवाब देने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। सवाल यह उठता है कि क्या पाकिस्तान इन सबूतों पर कार्रवाई करेगा। जबकि पाकिस्तान की ओर से सोमवार को कहा गया कि वह पठानकोट हवाईअड्डे पर हुए हमले के बारे में भारत की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी और सुरागों पर काम कर रहा है। पठानकोट वायु सैनिक अड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादियों के फोन कॉल रिकार्ड, पाकिस्तान में उनके आकाओं के मोबाइल नंबर और उनके सीमापार से आने के सबूत उस वक्त पड़ोसी देश के साथ साझा किए जा सकते हैं जब दोनों पक्षों के अधिकारी निकट भविष्य में बातचीत के लिए मिलेंगे। आतंकवादियों से पाकिस्तान के तार जुड़े होने के सभी सबूत कार्रवाई के लिए दिये जाएंगे। जानकारी के अनुसार, आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल फोन का कॉल रिकार्ड, पाकिस्तान में उनके आकाओं का नंबर निश्चित रूप से अगले उपलब्ध अवसर पर पड़ोसी देश के साथ उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए साझा किया जाएगा।
बता दें कि आतंकियों ने पंजाब के पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह के वाहन का अपहरण करने के बाद उनके, उनके आभूषण विक्रेता दोस्त राजेश वर्मा और सिंह के रसोइया के कम से कम चार मोबाइल फोन छीन लिये थे और इनमें से कम से कम दो का इस्तेमाल पाकिस्तान में उनके आकाओं से बातचीत करने के लिए किया गया। आतंकियों ने अपने आकाओं से बात करने के लिए दो पाकिस्तानी सिम कार्डों का भी इस्तेमाल किया। उनके आकाओं के पाकिस्तानी पंजाब के बहावलपुर में होने का संदेह है।