पति-पत्नी के रिश्ते में प्यार और तकरार होना आम बात होती है। आमतौर पर जब पति किसी महिला से बहुत खुश होकर बात करते हैं तो ज्यादातर पत्नियों को अच्छा नहीं लगता। ऐसे ही अधिकांश पति भी अपनी पत्नी के मुंह से पुरुष मित्रों की तारीफ़ें सुनकर जल-भुन जाते हैं। इसके अलावा पति या पत्नी में किसी एक का सबके बीच लोकप्रिय होना, सबका अट्रैक्शन बनना, ज़्यादा सैलरी पाना जैसी कई बातें ईर्ष्या का कारण बनती हैं। साइकोलॉजिस्ट इसे ग्रीन आई मॉन्स्टर कहते हैं और इसके लिए असुरक्षा की भावना को ज़िम्मेदार ठहराते हैं। जो इस रिश्ते पर अच्छा या बुरा दोनों तरह का असर छोड़ सकता है। जैसे, पति दूसरी महिला की तारीफ़ करे, तो अपनी ज़रूरतों को अक्सर नज़रअंदाज़ करने वाली पत्नी ख़ुद का ख़्याल रखना शुरू कर देती है। ऐसे ही कई लापरवाह पति, अचानक पत्नी की फिक्र करने लगते हैं। लेकिन अधिकांश मामलों में ईर्ष्या सब बिगाड़ती ही है।
ग्रीनआई मॉन्स्टर का बुरा असर…
ग्रीन आई मॉन्स्टर ने पति-पत्नी के बीच घुसपैठ कर ली, तो प्यार और विश्वास के बावजूद अनेक शंकाएं मन को घेरने लगती हैं।
ईर्ष्या वाला व्यक्ति अपने पार्टनर को कंट्रोल करने की कोशिश करने लगता है। और जब इस पर बात करनी हो तो बहस और झगड़े का दौर शुरू हो जाता है।
लोग जीवनसाथी पर बेवजह शक करने लगते हैं। अपने साथी से बग़ैर पूछे उनका फोन, डायरी, मेल आदि की निगरानी करने लगते हैं।
ईर्ष्या करने वाला व्यक्ति स्थिति को सुधारना तो चाहता है, पर ऐसा कर पाना उसे अपने बस में नहीं लगता। तनाव के चलते वह चिड़चिड़ा हो जाता है। बात-बात पर झल्लाता है। सही वक़्त पर ये स्थितियां न सम्भलें, तो रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है।
उम्मीद की किरण
जैसे रिश्ते को निभाने के लिए पति-पत्नी दोनों की कोशिशें हों, तभी रंग लाती हैं। ठीक इसी तरह यह स्थिति किसी एक के सम्भाले नहीं सम्भल सकती, इसलिए समाधान की पहल दोनों ओर से होना ज़रूरी है।
अगर आपका लाइफपार्टनर गुस्से वाला है तो
सबसे पहले आपको समस्या की असल वजह का पता लगाना होगा। गौर कीजिए कि आपके साथी को किस बात से दिक्कत है। समस्या का पता चलते ही खुलकर पार्टनर से बात करें। उसे समझाने की कोशिश करें।
अगर आपके पार्टनर को आपका किसी दोस्त के साथ बहुत ज्यादा घुलना-मिलना पसंद नहीं है, तो कुछ वक़्त के लिए उस दोस्त से थोड़ी दूरी बनाएं। साथ ही सिचुएशन सुधरने पर पति को भी यह अहसास दिलाएं कि उनकी सोच सही नहीं थी।
गुस्से में इंसान खुद को सम्भाल नहीं पाता, इसलिए चिड़चिड़ाता है। ऐसे वक्त में शांत रहने की कोशिश करें, बातों का जवाब देने से सिचुएशन बिगड़ सकती है। झगड़ा खत्म होने के बाद घर का माहौल अच्छा बनाने की पहल करें।
अगर आप गुस्से वाले हैं तो…
विश्वासी करीबियों से अपनी परेशानी साझा करें। वो आपको बताएंगे कि यहां जीवनसाथी नहीं आपकी सोच ही ग़लत है।
पति-पत्नी के रिश्ते की नींव ही विश्वास पर टिकी है, इसलिए जब भी शक परेशान करे, तो उसे बढ़ने का मौक़ा देने से पहले ख़ुद से पूछें कि क्या आपका साथी आपके साथ ग़लत कर सकता है? साथ ही अपने साथी से भी शांति से इस बारे में बात करें। सम्भव है, उसके स्पष्टीकरण के साथ ही आपकी ग़लतफ़हमी दूर हो जाए।
ग़ुस्सा और चिड़चिड़ाहट निकालने से बचें। ख़ुद को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें। अपने साथी को अहसास दिलाएं कि वह आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है और आप उससे कितना प्यार करते हैं।
जैसा व्यवहार अपने साथी की ओर से चाहती हैं। वैसा ही ख़ुद उसके साथ करें।