एजेंसी/ प्रकृति की हर चीज का अपना महत्व है। पेड़ों से भले ही फल मिलते हैं, लेकिन इसके पत्तों में भी सेहत का खजाना छिपा है। इस खजाने से आप भी खुद को सेहतमंद बना सकते हैं। बस जरूरत है कुछ इस तरह इनका उपयोग करने की—
मेहंदी : गर्मी में मेहंदी लगाने से शीतलता का अहसास होता है। मेहंदी की पत्तियों को पीसकर रात को सोते समय पैर के तलवों व नाखूनों पर लगाने से शरीर की गर्मी शांत होती है व लू लगने का भय नहीं रहता है। मेहंदी हर हफ्ते बालों में लगाने से सिर की गर्मी शांत हो जाती है। साथ ही बालों की रंगत भी बढ़ जाती है।
चमेली : गर्मी के मौसम में मुंह में छाले होना आमबात है। अगर आपके मुंह में छाले हो गए हों तो तीन दिन नियम से चमेली की पांच पत्ती चबाने से आराम मिलता है। अगर मुंह से दुर्गंध आ रही हो तो चमेली की पत्तियों को उबालकर उसमें आधे नींबू का रस निचोड़कर कुल्ला करने से दुर्गंध दूर हो जाती है। इससे तरोताजगी का अहसास भी होता है।
पान : आप खांसी से परेशान है तो पान के पत्ते में इसका इलाज छिपा है। पान के पत्ते में मिश्री के कुछ दाने रखकर खाने से सूखी खांसी ठीक हो जाती है।
अंजीर : सफेद दाग में अंजीर रामबाण का काम करती है। सफेद दाग शुरू होते ही अंजीर के पत्तों व इसकी जड़ को घिसकर लेप लगाने से सफेद दाग का बढ़ना बंद हो जाता है व धीरे-धीरे दाग मिट जाते हैं। एक अंजीर के चार टुकड़े खाने से कफ वाली खांसी ठीक हो जाती है।
शहतूत : शहतूत की पत्तियों को उबालकर उसमें एक चुटकी सेंधा नमक डालकर गरारे करने से टॉन्सिल्स की सूजन में आराम मिलता है व गले की खराश दूर हो जाती है। शहतूत के रस में थोड़ी चीनी मिलाकर पीने से पेट की जलन व पेडू की गर्मी में आराम मिलता है।
अनार : गर्मी में तला भुना खाने से पाइल्स की समस्या हो जाती है। इससे राहत चाहते हैं तो अनार की छाल का काढ़ा बना लें। एक कप काढ़े में आधा चम्मच सौंठ का चूर्ण डालकर सुबह-शाम पीने से खूनी दस्त व खूनी बवासीर में आराम मिलता है। इसके दानों का रस पीने से हिचकी बंद हो जाती है और घबराहट मिट जाती है।