टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से मांग की थी कि विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के साथ पूरे समय पत्नियों और गर्लफ्रेंड को रूकने की अनुमति मिले। इस पर बोर्ड ने फैसला लिया है।
भारतीय टीम के सदस्यों और प्रशासकों की समिति (सीओए) के बीच बहुप्रतीक्षित बैठक के दौरान इस मामले पर विचार किया गया। मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक सीओए चाहती है कि इस मामले में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) द्वारा अपनाई जानी वाली पॉलिसी का इस्तेमाल किया जाए।
बता दें कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया, खिलाड़ियों द्वारा बनाई गई एक यूनियन के साथ मिलकर तय करता है कि खिलाड़ियों को कितना समय परिवार के साथ दिया जाना चाहिए। परिवार के साथ बिताना के लिए दिया जाने वाला समय, अलग-अलग सीरीज के अनुसार होता है। इसमें यह देखा जाता है कि कौन सा विदेशी दौरा कितने लंबे अंतराल का है।
हालांकि, 2019 विश्व कप शुरू होने में है, जिसको देखते हुए बीसीसीआई अपनी पॉलिसी को ही बरकरार रखने के पक्ष में है। याद हो कि 2015 विश्व कप में पत्नियों और गर्लफ्रेंड को खिलाड़ियों के साथ सेमीफाइनल तक रहने की इजाजत नहीं थी। यही पॉलिसी इंग्लैंड में होने वाले 2019 विश्व कप तक लागू रहने की उम्मीद की जा रही है।
इसी मामले पर गौतम गंभीर ने अपनी राय प्रकट करते हुए कहा कि विदेशी दौरों पर कुछ खिलाड़ियों के लिए परिवार की मौजूदगी अच्छी साबित होती है, लेकिन सभी के साथ ऐसा हो, यह जरूरी नहीं। उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों के विचार अलग होंगे। एक व्यक्ति ही इस बारे में कुछ बोल सकता है क्योंकि व्यक्तिगत तौर पर उसे टेस्ट मैच खेलना है। कुछ लोग पूरे दौरे के लिए परिवार का साथ चाहते हैं जबकि कुछ को कुछ समय परिवार का चाहिए और बाकी का समय वह क्रिकेट पर लगाना चाहते हैं।’
गौरतलब है कि इंग्लैंड दौरे पर शुरुआती मैचों के दौरान विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा की मौजूदगी को लेकर काफी विवाद हुआ था। उसके बाद बीते रविवार को कप्तान कोहली ने बीसीसीआई से कहा था कि विदेशी दौरों पर पूरे समय पत्नी को साथ रखने की अनुमति दी जाए।