पद्मावती फिल्म के ऐतिहासिक तथ्यों पर इतिहासकारों की राय लेगा सेंसर बोर्ड
मुंबई : संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म ‘पद्मावती’ के ऐतिहासिक तथ्यों की समीक्षा के लिए जयपुर के इतिहासकारों प्रोफेसर आरएस कंगारोत और राजस्थान विश्वविद्यालय के सेवा निवृत्त प्रोफेसर खंगारोत को सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने मुंबई बुलाया है। प्रोफेसर आरएस खंगारोत ने बताया उन्हें मौखिक रुप से आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके लिये यह मामला फिल्म निर्माता भंसाली और राजपूत समाज, भंसाली और करणीसेना के बीच का नहीं है, बल्कि वह इस मामले को फिल्म निर्माता और इतिहास के बीच का मानते हैं। वह फिल्म की समीक्षा इसी परिपेक्ष्य में करेंगे। राजस्थान विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर बी एल गुप्ता ने बताया कि फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने उन्हें भी फिल्म की समीक्षा के लिये आमंत्रित किया है।
उन्होंने कहा कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्य सही हैं या नहीं, इस बारे में फिल्म को देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता। करणी सेना और राजपूत नेताओं ने फिल्म निर्माता पर रानी पद्मावती के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़कर प्रदर्शित करने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया था। गौरतलब है कि पद्मावती को एक दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना था। विवाद के कारण इसके रिलीज को टाल दिया गया। अब सेंसर बोर्ड ने विवाद सुलझाने के लिए एक कमेटी बनाई है।