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पन्ना नेशनल पार्क: अब नहीं लगेगी एंट्री फीस

gate-to-panna-national-park_3691187_l-1448079570जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट को  राज्य सरकार ने बताया है कि संशोधित नियमों के तहत अब पन्ना नेशनल पार्क के भुसौर बैरियर पर पार्क के अंदर के क्षेत्र में रहने वालों से कोई एंट्री फीस नहीं ली जाएगी। जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस केके त्रिवेदी की युगलपीठ ने इस जवाब के आधार पर वन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि इन संशोधित प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए जरूरी आदेश तत्काल जारी किए जाएं। इस निर्देश के साथ कोर्ट ने जनहित याचिका का निराकरण कर दिया।
 
नियमों में किया संशोधन
 
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कोर्ट को बताया कि वन्यजीव संरक्षण नियम 1974 के नियम 34 में  16 नवंबर 2014 को संशोधन किए गए हैं। संशोधित प्रावधानों के तहत नेशनल पार्क के अंदर रहने वाले लोगों को एंट्री फीस से मुक्त रखा गया है। उन्होंने बताया कि बारात या किसी स्थानीय  समूह विशेष को पार्क के अंदर बिना शुल्क   के प्रवेश के लिए पार्क के मुख्य वार्डन को प्राधिकृत कर दिया गया है। उक्त जवाब को रिकार्ड पर लेकर कोर्ट ने वन अधिकारियों को निर्देश दिए कि संशोधित नियमों का हवाला देते हुए सर्कुलर जारी किए जाएं, ताकि पार्क के अंदर रहने वाले लोगों को एंट्री फीस की परेशाानी से निजात मिले। 
 
यह है मामला
 
पन्ना जिला निवासी ऋषिकेश अवस्थी ने याचिका दायर कर कहा था कि पन्ना नेशनल पार्क के अंदर प्रवेश के लिए तीन रास्ते हैं। छतरपुर-सरई मार्ग में छतरपुर, गंज-देवरा मार्ग पर सलैया व बामरी-गंगऊ रोड पर भुसौर में तीन बैरियर बना कर प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर  जाने पर  प्रवेश शुल्क लगा दिया गया। मप्र वन्यजीव संरक्षण नियम 1974 के तहत यह शुल्क लिया जा रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रोहित सोहगौरा ने कोर्ट को बताया कि चंद्रनगर इलाके में पार्क के अंदर वन्य क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी भुसौर बैरियर पर एंट्री शुल्क देना पड़ा है। 
 
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीयजनों को  अपने रिश्तेदारों से मिलने-जुलने, व्यापार, शादी-विवाह  व उदर-पालन के सिलिसिले में इलाके एक गांव से दूसरे गांव जाना पड़ता है। कई बार तो एक दिन में कई बार उन्हें यह बैरियर पार करना होता है, लिहाजा यह शुल्क हटाया जाए। उन्होंने कहा कि पन्ना पार्क के फील्ड डायरेक्टर ने 11 मई 2012 को सभी एरिया ऑफीसर्स को पत्र लिख कर कहा था कि स्थानीयजनों व उनके रिश्तेदारों से एंट्री शुल्क न वसूला जाए।

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