परमाणु देश के रूप में भारत को एनपीटी में स्थान दें : मनीष तिवारी
वाशिंगटन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत को परमाणु हथियार संपन्न देश के रूप में एनपीटी में स्थान देने को कहा है। उन्होंने इसके लिए भारत के बेदाग रिकॉर्ड का हवाला दिया।
तिवारी ने कहा कि समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत को परमाणु अप्रसार संधि में भारत को शामिल करने पर गंभीरता से विचार करे। उन्होंने अमेरिका के शीर्ष थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल के दक्षिण एशियाई केंद्र के दो दिवसीय सम्मेलन में इस संबंध में प्रस्ताव रखा। वह अटलांटिक काउंसिल के वरिष्ठ फेलो हैं। सम्मेलन को संबोधित करते हुए तिवारी ने कहा कि एनपीटी 2017 की वास्तविकताओं को नहीं दर्शाता है। ठीक उसी तरह जैसे सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को नहीं दर्शाता।
उन्होंने कहा कि 1998 से 2017 तक परमाणु हथियार के मामले में भारत और पाकिस्तान के अगल-अलग रास्ते रहे हैं। परमाणु अप्रसार को लेकर भारत का पिछला रिकॉर्ड काफी मजबूत रहा है। जबकि पाकिस्तान में एक्यू खान नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने निंदा की और उसने उत्तर कोरिया समेत दुनिया के विभिन्न हिस्से में परमाणु और मिसाइल तकनीक का प्रसार किया।
क्या है एनपीटी
एक जुलाई 1968 को परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर किए गए और यह पांच मार्च 1970 को लागू हुआ। संधि एक जनवरी 1967 से पहले परमाणु हथियार बनाने और परीक्षण करने वाले को परमाणु हथियार संपन्न देश का दर्जा देती है। इस संधि के तहत अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन परमाणु हथियार संपन्न देश हैं। भारत ने भेदभावपूर्ण बताते हुए संधि पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल ने भी इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।