ज्ञान भंडार

परीक्षा में अचानक आई बच्चे के रोने की आवाज, फिर जो सच आया सामने वो…

writing-2एजेंसी/ झारखंड की उस लड़की को पढ़ने का बेहद शौक था. इतना शौक की दिन रात पढ़ने में लगी रहती. वो पढ़ लिख कर कुछ बनना चाहती थी. लेकिन मां बाप ने उसकी एक नहीं सुनी और पढ़ाई के बीच में ही मां-बाप ने उसकी शादी करा दी. लेकिन इस लड़की का ये पढ़ने का कीड़ा फिर भी खत्म नहीं हुआ. फिर भी उसने हार नहीं मानी. उसने पढाई जारी रखी. वह घर का काम-काज संभालती और कॉलेज भी जाती.इस हिम्मती लड़की का नाम है भारती है. वो गिरीडीह जिले के बिरनी ब्लॉक के जीतकुण्डी गांव से राजधनवार आदर्श कॉलेज में रोज बीए फाइनल इयर की परीक्षा देने आती है. लेकिन उसे क्या पता था कि एक दिन उसके साथ ऐसा कुछ हो जाएगा.

जानकारी के अनुसार सुबह नौ बजे से परीक्षा शुरू होनी थी. प्रश्न पत्र बांटे जाने के बाद परीक्षा देने आयी छात्रा भारती कुमारी के पेट में दर्द उठा और वह छटपटाने लगी. मौके की नजाकत को समझते हुए प्रो. अरुण कुमार व विनिता सिन्हा उसे परीक्षा हाल से बाहर निकाल कर बरामदे में लगे बेंच में लिटा दिया.

इसके बाद सरिया के एक निजी अस्पताल को एंबुलेंस लाने की सूचना दी गई. इसी क्रम में उक्त छात्रा ने बेंच पर ही बेटे को जन्म दे दिया. बाद में उसे नर्सिंग होम ले जाया गया.

वहां से स्वास्थ्य लाभ के बाद जच्चा-बच्चा को घर भेज दिया गया. बता दें कि भारती राजधनवार आदर्श कॉलेज की बीए पार्ट-3 इतिहास आनर्स की छात्रा है. उसका घर झारखंड के बिरनी प्रखंड के जितकुंडी में है.

 

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