परोपकार के लिए ही हमें मिला है मानव जीवन
सी.एम.एस. गोमती नगर ऑडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) ऑडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए बहाई धर्मानुयायी, प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने कहा कि परोपकार के लिए ही हमें मानव जीवन मिला है अथा्रत मनुष्य का जन्म दूसरों की सेवा करने के लिए ही होता है। यदि हम सभी सत्य-निष्ठा के मार्ग पर चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करें तो निश्चित तौर पर आने वाला कल सुखमय व शान्तिपूर्ण होगा। यही संदेश भगवत गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिया है कि अच्छे कर्म करो और फल की चिन्ता न करो। डा. गांधी ने आगे कहा कि विश्व एकता का विचार श्री कृष्ण ने सैकड़ों सल पहले ही दिया था। इसके लिए उन्होंने कर्तव्य करने का मार्ग दिखाया। प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं अपने अन्दर अच्छे गुणों का विकास करना चाहिए, साथ ही साथ बच्चों को भी जीवन मूल्यों की शिक्षा दें एवं उनका चरित्र निर्माण करें। इससे पूरा समाज बदलेगा और एक नई विश्व व्यवस्था का निर्माण होगा। इससे पहले, सी.एम.एस. के संगीत शिक्षकों ने एक से बढ़कर एक सुमधुर भजनों से विश्व एकता सत्संग में आध्यात्मिकता का अनूठा समाँ बाँधा।
विश्व एकता सत्संग में आज अनेक वक्ताओं ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि मृत्यु सबसे बड़ी सच्चाई है। जिस प्रकार एक बालक माँ की गोद में सद्गुणों की सीख लेता है और फिर उसका आगे का जीवन उसी सीख पर निर्भर करता है, ठीक उसी प्रकार मनुष्य पूरे जीवन में जैसे कार्य करता है, वैसा ही उसका अगला जीवन होगा। यदि हमें समाज को सुधारना है तो शुरूआत बच्चों से ही करनी होगी। इसी प्रकार सत्संग की संयोजिक श्रीमती वंदना गौड़, श्रीमती बी. मोहाजिर व कई अन्य विद्वजनों ने अपने सारगर्भित विचारों से सत्संग प्रेमियों का मार्गदर्शन किया। अंत में श्रीमती वंदना गौड़ ने धन्यवाद देकर सत्संग का समापन किया।