पर्यावरण के लिए बुरा है गौमांस सेवन: विशेषज्ञ
दस्तक टाइम्स/एजेंसी : नयी दिल्ली : गौमांस खाने के मुद्दे ने इन दिनों देश को आंदोलित कर रखा है जहां लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। धार्मिक रूप से गौमांस सेवन वर्जित होना इस मुद्दे का एक आयाम हो सकता है लेकिन गौमांस सेवन के खिलाफ एक और बेहद मजबूत पहलू यह है कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र की रोम स्थित संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा कि आम तौर पर मांस खाने वाले और विशेष तौर पर गौमांस खाने वाले लोग वैश्विक पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा प्रतिकूल हैं। यह बात हैरान करने वाली हो सकती है लेकिन वैश्विक तौर पर गौमांस उत्पादन जलवायु परिवर्तन के प्रमुख दोषियों में से एक है। कुछ का तो यह भी कहना है कि मांस उत्पादन उद्योग में गौमांस ‘शैतान’ है। हालांकि यह बात किसी भी समाज में उचित नहीं ठहराई जा सकती कि गौमांस खाने के संदेह के आधार पर किसी व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी जाए।
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि गौमांस छोड़ने से पृथ्वी पर वैश्विक कार्बन फुटप्रिंट कम होगा। यह कमी कारों का इस्तेमाल छोड़ने से कार्बन अंश में आने वाली कमी से कहीं ज्यादा होगी।