राष्ट्रीय

पर्यावारण सुधार के लिए भारतीय रेलवे ने लिया जिम्मा

नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए रेलवे ने एक अनोखी पहल की है जिसके तहत वायु प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों को दिल्ली के बॉर्डर से लेकर रेलगाड़ी पर लादकर दिल्ली पार कराना है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुये दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश से मुक्त करने के तथा सड़कों पर भीड़-भाड़ कम करते हुये पर्यावरण में सुधार के लिए ‘हरित परिवहन’ के उद्देश्य से भारतीय रेलवे की पॉयलट परियोजना रोल-ऑन रोल-ऑफ (रो.रो) शुरू की गयी। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने राजधानी के पटेल नगर स्टेशन पर एनसीआर में गढ़ी हरसरु से मुराद नगर तक प्रथम पॉयलट परियोजना को झंडी दिखाकर रवाना किया। एनसीआर में १२७ प्रवेश/निकासी स्थल हैं। इस क्षेत्र में अवस्थित नौ प्रमुख प्रवेश/निकासी स्थलों से ७५ प्रतिशत हल्के वाणिज्यिक वाहन और भारी ट्रक गुजरते हैं। दिल्ली में प्रतिदिन लगभग ६६,००० ट्रक प्रवेश करते हैं। इनमें से लगभग ३८ प्रतिशत अथवा २५,००० ट्रकों की गिनती भारी ट्रकों में होती है। इनमें से लगभग ६० प्रतिशत अर्थात १५,००० ट्रकों को दिल्ली गंतव्य स्थल नहीं होता है। अब रो.रो मॉडल के तहत ट्रकों की आवाजाही दिन के समय भी हो सकती है। आम तौर पर सुबह ७ बजे से लेकर रात्रि ११ बजे तक भारी वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर पाबंदी है। अब इस परियोजना के शरू होने से प्रवेश स्थलों पर लगने वाली लंबी। लंबी लाइनें छोटी हो जाएगी जिससे समय की बचत होगी। इस मॉडल से पूरे एनसीआर में स्वास्थ¬य के लिए हानिकारक वायु प्रदूषण में काफी कमी आने की उम्मीद है। रो.रो सेवाओं से इन भारी और हल्के वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इसके तहत वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली के बाहर स्थित रेलवे टर्मिनलों/पीएफटी पर रेलवे के फ्लैट वैगनों में लादा जाएगा और फिर उसके बाद शहर से होते हुए उन्हें दिल्ली की सीमा से बाहर वैगनों से नीचे उतार दिया जाएगा। इसका उद्देश्य दिल्ली में भीड़ भाड़ कम करना है। इससे न/न सिर्फ प्रदूषण कम करने तथा समय बचाने में मदद मिलेगी बल्कि ट्रक ऑपरेटरों को भी लाभ होगा। उनके पारगमन समय में ८।१० घंटे की बचत होने की उम्मीद पर्यावरण मुआवजा शुल्क की बचत होने के साथ ही दिल्ली में प्रवेश करने के लिए टोल टेक्स की भी बचत होगी और ईंधन भी बचेगा। इस सेवा से रेलवे को अतिरिक्त यातायात के जरिये राजस्व का लाभ होगा। रो।रो सेवाओं का शुभारंभ कोंकण रेलवे पर हुआ था और बाद में यह रेलवे के दूसरे मंडलों में शुरू की गई।

Related Articles

Back to top button