पर्रिकर ने नए युद्धपोत ‘आईएनएस चेन्नई’ का जलावतरण किया
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मुंबई : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत ‘आईएनएस चेन्नई’ का जलावतरण किया। यह कोलकाता क्षेणी का ऐसा तीसरा निर्देशित मिसाइल विध्वंसक है, जिसका डिजाइन स्वदेशी है।मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में इस पोत के निर्माण के साथ ही परियोजना 15ए पूरी हो गई है। यह परियोजना कोलकाता क्षेणी के निर्देशित मिसाइल विध्वंसक बनाने के लिए थी।नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा भी इस अवसर पर मौजूद थे। कुल 164 मीटर लंबा ‘आईएनएस चेन्नई’ भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने वाले सबसे बड़े विध्वंसकों में से एक है।इस पोत में सतह से सतह तक मार करने में सक्षम सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलें और सतह से हवा में लंबी दूरी तक वार कर सकने वाली बराक-8 मिसाइलें लगी हैं।पोत में लगी प्रणालियों के अतिरिक्त परीक्षणों के बाद इसे पश्चिमी बेड़े में शामिल किया जाएगा। यह इस क्षेणी का अंतिम विध्वंसक पोत है। इस क्षेणी के पहले पोत का नाम ‘आईएनएस कोलकाता’ था और इसका जलावतरण 16 अगस्त 2014 को किया गया था। इसके बाद ‘आईएनएस कोच्चि’ का जलावतरण 30 सितंबर 2015 में किया गया।तीसरे विध्वसंक को पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के संचालनात्मक और प्रशासनिक नियंत्रण में रखा जाएगा।
पर्रिकर ने कहा, ”हमारे सैनिकों को अब उनपपर गोली चलाने वाले व्यक्ति पर जवाबी कार्रवाई के लिए रक्षा मंत्रालय से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। उन्हें इसका पूरा अधिकार है और वे हमारे दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब भी दे रहे हैं। मुझे बहुत दुख है कि हमारे कुछ सैनिक शहीद हो गए हैं।” पर्रिकर ने बताया कि मंत्रालय की कार्यप्रणाली को समझने में उन्हें लगभग छह से आठ महीने का समय लगा।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”शुरू में मैं यह नहीं समझ पाया था कि रक्षा मंत्रालय किस तरह से कार्य करता है। इसे समझने में मुझे छह से आठ महीने का समय लगा।”